नाजी 'लड़ाके' को कनाडाई संसद में सम्मानित करने के निजी आरोपों से ट्रूडो का इनकार, बोले- तालियां बजाने पर संसद को अफसोस
जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि यह एक ऐसी गलती थी जिसने संसद और कनाडा को काफी शर्मिंदा किया है. सदन को इस बात का गहरा अफसोस है कि हमने खड़े होकर तालियां बजाईं.
Nazi Veteran in Canadian Parliament: नाजी 'लड़ाके' को ससंद में सम्मानित के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई संसद की ओर से माफी मांगी है. हालांकि उन्होंने निजी तौर पर इस आरोप को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है.
विपक्ष ने इस घटना को लेकर पीएम ट्रूडो पर निशाना साधा है और मांग की है उन्हें माफी मांगनी चाहिए और इसे देश के लिए बड़ी शर्मिंदगी करार देना चाहिए. गौरतलब हो 22 सितंबर को कनाडाई संसद में 98 वर्षीय यूक्रेनी नागरिक यरोसलव हुंका को सम्मानित किया गया था और उसे यूक्रेन और कनाडा का हीरो बताया गया था.
क्या बोले जस्टिन ट्रू़डो?
हुंका पर आरोप है कि उसने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नाजी सेना के एस एस डिवीजन में सेवाएं दी थी. अब इस घटना को लेकर ट्रूडो ने संसद की ओर से माफी मांगी है. सीबीसी न्यूज़ के मुताबिक, ट्रूडो ने मीडिया को दिए बयान में कहा, 'यह एक ऐसी गलती थी जिसने संसद और कनाडा को काफी शर्मिंदा किया है. हम सभी जो शुक्रवार को इस सदन में थे, उन्हें इस बात का गहरा अफसोस है कि हमने खड़े होकर तालियां बजाईं, जबकि हमें संदर्भ (नाजी सेना में शामिल होने) की जानकारी नहीं थी.
ट्रूडो ने यह भी कहा, "यह होलोकॉस्ट (यहुदियों के नरसंहार) में मारे गए लाखों लोगों की बुरी यादों का एक भयानक उल्लंघन था." उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक यारोस्लाव हुंका के लिए संसद में मनाए गए जश्न का दूसरे विश्वयुद्ध में टारगेट किए जाने वाले समुदाय पर गहरा और दर्दनाक असर हुआ है. इनमें यहूदी, पोल्स, रोमा, एलजीबीटी समुदाय शामिल हैं.
सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रूडो ने यह भी कहा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को इस घटना में शामिल करने के लिए कनाडा को गहरा खेद है. इस वजह से ही हुंका की सराहना करते हुए एक तस्वीर पेश की गई. ट्रूडो ने कहा कि कनाडा ने जेलेंस्की और यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल को राजनयिक माध्यमों से माफी मांगी है.
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