US-Iran Relations: अमेरिका और ईरान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाते हुए इराक को ईरान से बिजली और गैस खरीदने की छूट पर रोक लगा दी है. इस फैसले के कारण इराक की ऊर्जा आपूर्ति संकट में आ सकती है, क्योंकि देश अपनी बिजली आवश्यकताओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ईरान से आयात करता है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने रविवार को इस निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा कि यह कदम "ईरान को आर्थिक और वित्तीय राहत न देने" की रणनीति के तहत उठाया गया है.
अमेरिका का उद्देश्य
दरअसल, अमेरिका के इस कदम के पीछे कई कारण हैं. जैसे: ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कमजोर करना. ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को रोकना. ईरान की ओर से आतंकवादी समूहों को समर्थन देने पर लगाम लगाना. ट्रंप प्रशासन ने पहले ही ईरान पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं और यह फैसला भी उसी दबाव नीति का हिस्सा है.
इराक पर प्रभाव
इराक की बिजली आपूर्ति का 40% हिस्सा ईरान से आयातित गैस और बिजली पर निर्भर करता है. यदि यह आपूर्ति बाधित होती है, तो देश में बिजली संकट गहरा सकता है. इराक में बिजली कटौती बढ़ सकती हैगर्मी के मौसम में एयर कंडीशनिंग और जल आपूर्ति प्रभावित हो सकती है. इराक को वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत खोजने होंगे. इराक की सरकार ने इस फैसले को लेकर अमेरिका से बातचीत की संभावना जताई है, क्योंकि इससे देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिरता प्रभावित हो सकती है.
ईरान की प्रतिक्रिया
ईरान ने इस फैसले की कड़ी निंदा की है और अमेरिका पर "अनुचित दबाव" डालने का आरोप लगाया है. ईरानी सरकार का कहना है कि यह निर्णय न केवल ईरान, बल्कि इराक की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाएगा. ईरानी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि वे इराक के साथ ऊर्जा आपूर्ति को जारी रखने के लिए वैकल्पिक रास्ते तलाश सकते हैं.
बता दें कि ट्रंप प्रशासन का यह कदम ईरान पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है, लेकिन इसका सीधा प्रभाव इराक की जनता पर पड़ सकता है. आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इराक इस ऊर्जा संकट से कैसे निपटता है और अमेरिका-ईरान संबंधों में आगे क्या मोड़ आता है.