नई दिल्ली: सीरिया में हुए संदिग्ध रासायनिक हथियार के इस्तेमाल की रिपोर्ट को लेकर अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद पर तीखा हमला बोला है. रविवार को ट्रंप ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर न सिर्फ सीरियाई राष्ट्रपति की तुलना जानवर से की, बल्कि सैन्य कार्रवाई के संकेत भी दिए.


ट्रंप ने ट्वीट में कहा, ''सीरिया में हुए रासायनिक हमले में बच्चों और महिलाओं सहित कई लोग मारे गए हैं. हमले की जगह को सीरियन आर्मी ने अपने कब्जे में ले लिया है. वहां पर बाहरी दुनिया का प्रवेश लगभग नामुमकिन हो गया है. जानवर असद रशिया, ईरान और राष्ट्रपति पुतिन की शह पर ये सब कर रहा है. इसके लिए उन्हें बड़ी कीमत चुकानी होगी. चिकित्सा सहायता और सत्यापन के लिए हमारा क्षेत्र तत्काल खुला है. बिना किसी कारण के एक और मानवीय आपदा है. बीमार''.









इतना ही नहीं अपने अगले ट्वीट में ट्रंप ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा पर भी निशाना साधा. उन्होंने लिखा, ''अगर राष्ट्रपति ओबामा ने रेत पर अपनी बनाई उस लाल रेखा को पार कर दिया होता तो सीरियाई आपदा बहुत पहले खत्म हो गई होती और जानवर असद इतिहास बन चुका होता!''





संदिग्ध रासायनिक हमले की थी खबर


सीरिया के पूर्वी गोता के विद्रोहियों के कब्जे वाले अंतिम शहर डौमा में हुए संदिग्ध रासायनिक हमले में कम से कम 70 लोग मारे गए. चिकित्सकों और बचाव कर्मियों ने रविवार को यह जानकारी दी. बीबीसी के मुताबिक, स्वयंसेवी बचाव दल व्हाइट हेलमेट्स ने ग्राफिक तस्वीरें पोस्ट कीं, जिसमें शनिवार को हुए हमले के बाद बेसमेंट में पड़े कई शव नजर आ रहे हैं. इसमें कहा गया कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है.


कई मेडिकल, निगरानी व कार्यकर्ता समूहों ने रासायनिक हमले के बारे में जानकारी दी है, लेकिन इनके आंकड़ों में भिन्नता है और क्या घटित हुआ था यह निर्धारित होना अभी बाकी है. विपक्ष समर्थक गोता मीडिया सेंटर ने कहा कि 75 से अधिक लोगों का दम घुट गया, जबकि हजारों लोगों को सांस लेने में तकलीफ से जूझना पड़ा.


इसने आरोप लगाया कि हेलीकॉप्टर से विषाक्त नर्व एजेंट सरीन से युक्त बैरल बम गिराया गया. सीरियाई अस्पतालों के साथ काम करने वाली एक अमेरिकी चैरिटी संस्था यूनियन मेडिकल रिलीफ ने बीबीसी को बताया कि दमिश्क रूरल स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने 70 लोगों की मौत की पुष्टि की है.

सरकार ने किया इंकार


सीरिया सरकार ने पूर्वी दमिश्क के डौमा में चल रहे युद्ध में सीरियाई सैनिकों द्वारा रासायनिक गैस के इस्तेमाल के विद्रोहियों के आरोपों को खारिज करते हुए उसकी निंदा की है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने शनिवार शाम समाचार एजेंसी 'एसएएनए' के हवाले से कहा कि इस तरह का दावा इस्लाम सेना के खिलाफ लड़ाई में सीरियाई सेना की प्रगति में बाधा डालने का प्रयास है.


यह टिप्पणी इन आरोपों के बाद आई है जिसमें सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि सीरियाई बलों ने डौमा पर जारी हमले में क्लोरीन गैस का इस्तेमाल किया, जिससे वहां नागरिकों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि सरकारी बलों को अपने लक्ष्य से भटकाने के लिए इस्लाम सेना की मीडिया शाखा ने सीरियाई सेना द्वारा रासायनिक हथियारों के उपयोग की मनगढ़ंत बात कही है. सूत्र ने कहा कि सीरिया की सेना बिना किसी प्रकार की रासायनिक सामग्री का इस्तेमाल किए तेजी से बढ़ती जा रही है.