वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के खिलाफ राष्ट्रीय आपात (नेशनल इमरजेंसी) की अवधि एक और साल के लिए बढ़ा दी. उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया अब भी अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और अर्थव्यवस्था के लिए असामान्य और असाधारण खतरा पेश करता है. ट्रंप की यह टिप्पणी तब आई है जब 15 दिन से भी कम समय पहले उन्होंने सिंगापुर में किम जोंग उन के साथ ऐतिहासिक शिखर वार्ता की जिसमें उत्तर कोरियाई नेता परमाणु निरस्त्रीरकण (न्यूक्वियर डिसआर्मामेंट) के लिए राजी हुए.
इस मुलाकात से दोनों पक्षों ने आखिर क्या हासिल किया -
अमेरिका ने क्या पाया?
- उत्तर कोरिया के अपने परमाणु हथियार खत्म करने का वादा.
- आगे कोई परमाणु परीक्षण या खतरनाक मिसाइल टेस्ट न करने का वादा.
- उत्तर कोरिया अपनी मिसाइल इंजन फेसिलिटी खत्म करेगा.
- उत्तर कोरिया अपनी मुख्य परमाणु परीक्षण साइट को खत्म करेगा.
- उत्तर कोरिया अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को परमाणु
- उत्तर कोरिया करार के तहत कैद में मौजूद अमेरिकी नागरिकों की रिहाई.
- कोरिया युध्द के दौरान मारे गए अमेरिकी सैनिकों के अवशेष ले जाने की इजाजत.
उत्तर कोरिया को क्या हासिल हुआ?
- उत्तर कोरिया के पड़ोसी दक्षिण कोरिया के साथ आक्रामक सैन्य अभ्यास बन्द करेगा अमेरिका.
- उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार खत्म होने और संबंध सामान्य होने पर अमेरिका के दक्षिण कोरिया से अपने 32 हज़ार सैनिकों हटाने का आश्वासन.
- परमाणु फसेलिटीज़ के खत्म होने की पुष्टि के साथ अमेरिका उत्तर कोरिया पर लगी पाबंदियां हटाएगा.
- दोनों देशों के बीच वार्ता का सिलसिला शुरू होगा.
- उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच कूटनीतिक संबंध का सिलसिला शुरू होगा.
- अन्तरराष्ट्रीय बिरादरी में सम्मान के साथ किम जोंग उन को जगह.
- अमरीकी राष्ट्रपति किम जोंग उन को व्हाइट हाउस आमंत्रित करेंगे.
बातचीत की मेज़ पर दोनों पक्षों को हासिल हुई आश्वासनों की अपनी अहमियत है. मसलन उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों पर लगाम लग कर अमेरिका ने जहां एक बड़े खतरे को टाला है वहीं राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने लिए भी बढ़ी कामयाबी बटोरी है. इससे पहले कोई अमेरिकी राष्ट्रपति यह हासिल नहीं कर पाया. वहीं उत्तर कोरिया को अपने खिलाफ पाबंदियों का फंदा ढीला करने का रास्ता मिल गया है.
कितना भरोसेमंद है किम का वादा?
हालांकि ट्रम्प और किमजोंग उन की मुस्कुराती और साथ चहलकदमी करती तस्वीरों के बीच अब भी रह-रह के सवाल उठता है कि क्या सचमुच में अपने सारे परमाणु हथियारों को खत्म कर देंगे किम जोंग उन ? ऐसा करने के बदले में ऐसी कौन सी बड़ी चीज है जो बातचीत की टेबल से उन्हें हासिल हुई है? भीतरखाने बनी समझ कितनी स्थायी है? अगर उत्तर कोरिया अमेरिका के लिए अपने दरवाजे खोलता है तो उसका ताकतवर पड़ोसी चीन कितना सहज होगा?
हालांकि उत्तर कोरिया के वादों की विश्वसनीयता के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि किम खुद ऐसा चाहते है क्योंकि इसमें उनके देश की भलाई है. ट्रम्प के मुताबिक किम उत्तर कोरिया के विकास के लिए निवेश का दरवाज़े खोलने पर भी राजी हैं.
मगर ट्रंप ने अब कहा कि जब तक परमाणु निरस्त्रीकरण पूरा नहीं होता तब तक वह अधिकतम दबाव बनाने का अभियान जारी रखेंगे और उत्तर कोरिया के खिलाफ कोई भी प्रतिबंध नहीं हटाएंगे.