वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी संसद भवन में हिंसक भीड़ के घुसने संबंधी घटना की जिम्मेदार लेने से इंकार कर दिया है. कैपिटल बिल्डिंग में हिंसा के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आकर ट्रंप ने कहा, 'लोग सोचते हैं कि जो भी मैंने कहा था वो पूरी तरह सही था.'


ट्रंप ने मंगलवार को कहा, 'असली समस्या' उनकी बयानबाजी नहीं थी, बल्कि डेमोक्रेट्स द्वारा 'ब्लैक लाइव मैटर' के प्रदर्शनों और सिएटल एवं पोर्टलैंड में इस गर्मी में हुई हिंसा के संबंध में की गई बयानबाजी थी.


महाभियोग को लेकर आज वोटिंग
राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप का कार्यकाल सात दिन से भी कम बचा है. वहीं संसद में उनके खिलाफ दूसरी बार महाभियोग प्रस्ताव लाने की कवायद जारी है. प्रतिनिधि सभा में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू हो चुकी है. बुधवार को इस बारे में लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग होगी. इस महाभियोग प्रस्ताव में निवर्तमान राष्ट्रपति पर छह जनवरी को 'राजद्रोह के लिए उकसाने' का आरोप लगाया गया है.


इसमें कहा गया है कि ट्रंप ने अपने समर्थकों को कैपिटल बिल्डिंग (संसद परिसर) की घेराबंदी के लिए तब उकसाया, जब वहां इलेक्टोरल कॉलेज के मतों की गिनती चल रही थी और लोगों के धावा बोलने की वजह से यह प्रक्रिया बाधित हुई. इस घटना में एक पुलिस अधिकारी समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी.


महाभियोग की संभावनाओं की वजह से ‘गुस्सा’ पैदा हो रहा
ट्रंप ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में कहा कि महाभियोग की संभावनाओं की वजह से देश में ‘खासा गुस्सा पैदा’ हो रहा है लेकिन वह ‘हिंसा नहीं’ चाहते हैं. टैक्सास में मेक्सिको से लगती सीमा पर दीवार के मुआयने के लिए जाने से पहले राष्ट्रपति ने संवाददाताओं से बात की. महाभियोग के सवाल पर ट्रंप ने कहा, 'वे जो कर रहे हैं, वह काफी बुरी बात है. हम हिंसा नहीं चाहते हैं. कभी नहीं.'


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