वाशिंगटन/काबुल: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि वह चंद दिनों में ही धरती से अफगानिस्तान का नामोनिशान मिटा सकते हैं लेकिन इसके बजाए वह बातचीत को तरजीह देते हैं. इससे अफगानिस्तान में नाराजगी फैल गई और ऐसी टिप्पणी पर उसने स्पष्टीकरण मांगा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से ओवल कार्यालय में मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कहा, "अगर मैं उस युद्ध को जीतना चाहता, तो अफगानिस्तान धरती से मिट जाता. यह 10 दिनों में खत्म हो जाएगा, लेकिन मैं एक करोड़ लोगों को नहीं मारना चाहता."
इमरान खान से बात करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "हम 19 साल से वहां हैं और हमने पुलिसकर्मियों के रूप में काम किया है, सैनिकों की तरह नहीं. अगर हम सैनिकों की तरह काम करना चाहते तो हम इसे एक हफ्ते, 10 दिनों में समाप्त कर सकते थे." ट्रंप ने एक सैन्य योजना पर कहा, "मैं वह रास्ता नहीं अपनाना चाहता."
ट्रंप ने आगे कहा, "इसलिए हम स्वयं को वहां से निकालने के लिए पाकिस्तान व अन्य के साथ काम कर रहे हैं." अमेरिका अफगान युद्ध को खत्म करने के लिए एक कूटनीतिक रणनीति का अनुसरण कर रहा है. इसके तहत कतर में अमेरिका व तालिबान में वार्ता हो रही है. इसके साथ ही वह तालिबान पर अभी भी सैन्य दबाव बनाए हुए है.
वहीं ट्रंप की टिप्पणी के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन ने कहा, "अफगानिस्तान व अमेरिका के बीच बहुआयामी संबंधों को देखते हुए अफगानिस्तान सरकार, अमेरिका के राष्ट्रपति की टिप्पणी पर स्पष्टीकरण की मांग करती है."
टोलो न्यूज ने बयान के हवाले से कहा, "अफगानिस्तान दुनिया के सबसे प्राचीन देशों में से एक है और इतिहास के अनगिनत संकटों से पार पाने में सक्षम रहा है. अफगानिस्तान राष्ट्र ने कभी किसी विदेशी शक्ति को अपने भाग्य का निर्धारण करने की अनुमति न तो दी है और न ही देगा."