वाशिंगटन: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के संबंध में चीन के खिलाफ ‘बेहद गंभीरता से जांच’ कर रहा है. ट्रंप ने इस कथन से संकेत दिया है कि अमेरिकी प्रशासन बीजिंग से जर्मनी द्वारा मुआवज़े के रूप में मांगे गए 140 अरब डॉलर से कहीं बड़े मुआवज़े के बारे में सोच रहे हैं. चीन में पिछले साल मध्य नवंबर में उभरे इस घातक वायरस से पूरी दुनिया में 2 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और तीस लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं. इनमें से बड़ी संख्या में अमेरिकी नागरिक हैं.
अमेरिका में अभी तक इस वायरस की वजह से 56,000 लोगों की मौत हो चुकी है और 10 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं. अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के नेता लगातार कह रहे हैं कि अगर चीन शुरुआती चरण में इस वायरस के संबंध में जानकारी देने में पारदर्शिता रखता तो इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत नहीं होती. वैश्विक अर्थव्यवस्था को इतना बड़ा नुकसान नहीं पहुंचता. कई देश चीन से मुआवज़े वसूलने की बात करना शुरू कर चुके हैं.
ट्रंप ने रोज गार्डन के संवाददाता सम्मेलन में जर्मनी के मुआवजे संबंधी दावे के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम उससे आसान चीजें कर सकते हैं, हमारे पास वैसा करने से भी आसान तरीके मौजूद हैं.’’ ट्रंप से पूछा गया था कि क्या अमेरिका भी जर्मनी की तरह ही क्षति के लिए 140 अरब डॉलर मुआवज़े के रूप में मांगने जैसा कदम उठा सकता है. ट्रंप ने कहा, ‘‘ जर्मनी भी कुछ विचार कर रहा है और हम भी कुछ देख रहे हैं और जर्मनी जितने मुआवज़े की बात कर रहा है, हम उससे कहीं बड़ी राशि की बात कर रहे हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने अभी अंतिम राशि निर्धारित नहीं की है लेकिन यह काफी बड़ी राशि होने वाली है.’’ अमेरिका के बाद इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित यूरोप है. वहीं भारत में कड़े सुरक्षा उपायों की वजह से मृतकों की संख्या अब भी 886 है और 28,000 लोग संक्रमित हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि इस वायरस की वजह से अमेरिका में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में व्यापक स्तर पर क्षति पहुंची है.
उन्होंने कहा की चीन को इस वायरस के प्रसार के लिए जिम्मेदार ठहारने के ‘कई रास्ते हैं.’ उनका कहना है कि अमेरिका इस संबंध में गंभीरता से जांच कर रहा है और वह चीन से खुश नहीं है. हाल के सप्ताह में चीन को इस वायरस के प्रसार के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने के विचार को काफी समर्थन मिला है.
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