नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए साल के पहले दिन पाकिस्तान को लताड़ लगाई है, जिससे पाकिस्तान बौखलाया गया है. अब्बासी सरकार ने पाकिस्तान में मौजूद अमेरिकी राजदूत को तलब कर ट्रंप के ट्वीट पर विरोध दर्ज कराया है तो इधर आतंकी हाफिज सईद को ये डर सता रहा है कि हिंदुस्तान सरकार पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने वाली है.


ट्रंप ने क्या ट्वीट किया?


राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर पाकिस्तान को बेहद सख्त लहजे में लताड़ लगाई और लिखा है, ‘’अमेरिका ने मूर्खतापूर्ण ढंग से पिछले 15 साल में पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर से ज्यादा की मदद दी है, लेकिन बदले में उन्होंने हमें झूठ और छल के अलावा कुछ नहीं दिया. हमारे नेताओं को मूर्ख समझा,जिन आतंकियों को हम अफगानिस्तान में ढूंढ रहे थे,उन्हें पाकिस्तान ने अपने यहां छिपा लिया. पाकिस्तान ने कुछ नहीं किया. बस ये सब अब और नहीं चलेगा.’’





ट्रंप के इस ट्वीट के आते ही पूरे पाकिस्तान में भूचाल सा आ गया. इस ट्वीट ने इस्लामाबाद में अब्बासी सरकार की माथे की लकीरें गहरी कर दीं. जिसके बाद आनन फानन में पाकिस्तान ने आतंकी हाफिज के संगठनों पर कई तरह के बैन लगा दिए.


डरे पाकिस्तान ने हाफिज के पर कतरे


पाकिस्तान ने हाफिज के संगठन जमात-उद-दावा के चंदे पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. हाफिज के एक और संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन की फंडिंग को बैन किया गया है. सेक्यूरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन ऑफ पाकिस्तान ने इस बारे में नोटिफिकेशिन भी जारी कर दिया है.


इस आदेश में कहा गया है कि अगर बैन के बावजूद कोई हाफिज के संगठनों को पैसा देगा तो उस पर भारी आर्थिक जुर्माने के साथ कार्रवाई की जाएगी. पाकिस्तान सरकार हाफिज के अलग-अलग संगठनों को भी सरकार के अधीन लेने की तैयारी कर रही है.


इस बीच पाकिस्तानी सरकार ने कराची में मौजूद अमेरिकी राजदूत डेविड हेल को तलब किया और ट्रंप के ट्वीट के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया. अपने ही देश में खुद पर हुई कार्रवाई से आतंक का सरगना अब बौखला गया है और इस कार्रवाई का जिम्मेदार हिंदुस्तान को बता रहा है.


ये सब भारत करा रहा है- हाफिज


हाफिज सईद ने कहा है, ‘’जो काम इंडिया खुद नहीं कर सकता वो अमेरिका से करवाने की कोशिश करता है और दबाव डलवाता है. इस मौके पर भी ये सारा दबाव इसी वजह से था. अब एफआईएफ को भी उसी लिस्ट (आतंकी संगठनों की लिस्ट) में डाल दिया, जबकि फैसले अदालतों के मौजूद हैं कि जमात-उद-दावा अलग संगठन है और लश्कर-ए-तैयबा अलग संगठन है. दोनों संगठनों का आपस में कोई संबंध नहीं है.’’


हाफिज सईद ने आगे कहा, ‘’इंडिया ने मेरा नाम लेकर पाकिस्तान के खिलाफ एक मुहीम शुरु की है. मैं ये समझता हूं कि वो पाकिस्तान के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई करने जा रहे हैं. वो (इंडिया) पाकिस्तान के खिलाफ कोई नई मुश्किल खड़ी करना चाहते हैं.’’


1600 करोड़ की सहायता राशि रोकने पर विचार कर रहा है अमेरिका


हाफिज सईद का ये डर अब पूरी पाकिस्तान सरकार भी महसूस कर रही है. कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि अमेरिका पाकिस्तान को दी जाने वाली 1600 करोड़ की सहायता राशि रोकने पर विचार कर रहा है. इस बीच ट्रंप के ट्वीट से अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं की गुड और बैड आतंकवाद में फर्क करने वाले पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़नी तय हैं.