Turkey Bayraktar TB3 UCAV : दुनिया में ड्रोन सुपरपावर बन चुके तुर्की ने अब एक और कमाल कर दिया है. तुर्की का बायरकतार टीबी-3 मानवरहित ड्रोन दुनिया में पहली बार तुर्की के नौसेना के ड्रोन कैरियर युद्धपोत अनादोलू पर उतरा है. इसके अलावा उसने युद्धपोत से उड़ान भी भरी है. ड्रोन से इस तरह का कारनामा करने वाला तुर्की दुनिया में पहला देश बन गया है. तुर्की ने इस नई तकनीक से इतिहास रचते हुए अमेरिका, चीन, इजरायल जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया है, जो अपनी ड्रोन तकनीक पर गुमान करते हैं.


हमले के साथ निगरानी और जासूसी के लिए हो सकता है इस्तेमाल


तुर्की के बायरकतार टीबी-3 ड्रोन को छोटे और सटीक हमला करने वाले मिसाइलों से लैस किया जा सकता है. इसके अलावा इससे निगरानी और खुफिया मिशन को भी अंजाम दिया जा सकता है. इस इतिहार रचने वाली सफलता के बाद टीबी-3 ड्रोन अब तुर्की के युद्धपोत के एयर विंग का एक अटूट हिस्‍सा बन जाएगा.


तुर्की के राष्ट्रपति के दामाद की कंपनी है बायरकतार


तुर्की के बायरकतार टीबी-3 ड्रोन को बायरकतार कंपनी ने बनाया है. जिसके सीटीओ सेलकूक बायरकतार तुर्की के राष्‍ट्रपति के दामाद हैं. सेलकूक ने टीबी3 ड्रोन की इस सफलता का वीडियो सोशल मीडिया में पोस्‍ट किया है. बायरकतार ने इससे पहले एक वीडियो पोस्‍ट किया था और बताया था कि किस तरह से एक ड्रोन युद्धपोत के फ्लाइट डेक के आसपास मंडरा रहा था लेकिन वह युद्धपोत पर उतर नहीं सका था.


बायरकतार ने टीबी 3 ड्रोन के उतरने के बारे में फिलहाल थोड़ी ही जानकारी दी है. बता दें कि टीबी 3 ने पिछले साल 2023 में सबसे पहली बार उड़ान भरी थी और जमीन पर इसने पहली स्‍की जंप टेस्‍ट का अभ्‍यास किया था.


क्या है बायरकतार टीबी-3 की खासियतें?


एक्सपर्ट्स के अनुसार, टीबी-3 ड्रोन तुर्की के युद्धक ड्रोन टीबी-2 का नौसैनिक वर्जन है. तुर्की की सेना अब अपने युद्धपोत को ड्रोन के हिसाब से बदलने की तैयारी में है. इस ड्रोन की खासियत की बात करें तो इस ड्रोन की रेंज 1600 किमी है और यह 24 घंटे तक उड़ान भर सकता है. इस ड्रोन में इंफ्रारेड कैमरे भी इंस्टॉल किए गए हैं, जिससे यह निगरानी भी आसानी से कर सकता है. यह ड्रोन अब समुद्र के अंदर भी तुर्की की नौसेना का शक्ति प्रदर्शन कर सकेगी.


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