तुर्की: 900 साल चर्च, 500 साल मस्जिद, 100 साल म्यूज़ियम, अब क्या बनेगा? मस्जिद या म्यूजियम, फ़ैसला जल्द
तुर्की में 1500 साल पुरानी हागिया सोफिया पर फैसला नहीं हो सका है.फिलहाल ये इमारत यूनेस्को की धरोहर सूची में म्यूजियम के तौर पर है.इससे पहले हागिया सोफिया पर ईसाइयों और मुस्लिमों का दावा रहा है.
तुर्की में 1500 साल पुरानी इमारत पर असमंजस की स्थिति बरकरार है. इस्तांबुल में हागिया सोफिया पर फैसला नहीं हो सका है. फिलहाल इसे मस्जिद में बदलने को लेकर कोर्ट में मामला लंबित है. कोर्ट को अब ये तय करना है कि उसे चर्च रखा जाए या मस्जिद या फिर म्यूजिम. हालांकि तुर्की की सबसे उच्च प्रशासनिक संस्था का कहना है कि 15 दिनों में फैसला हो जाएगा.
ईसाई धर्मावलंबियों के लिए हागिया सोफिया दुनिया के सबसे बड़े चर्चों में से एक रहा है. छठी सदी में बाइजेंटाइन सम्राट जस्टिनियन के आदेश से 532 में एक भव्य चर्च के निर्माण का काम शुरू हुआ. चर्च पांच साल में बनकर 537 में पूरा हुआ. उसके बाद से ईसाई के प्रमुख स्थलों में से हागिया सोफिया एक केंद्र रहा.
तुर्की में 1500 साल पुरानी इमारत पर विवाद
1453 में इस्लाम को मानने वाले ऑटोमन साम्राज्य के सुल्तान मेहमद द्वितीय ने कस्तुनतुनिया पर कब्ज़ा कर लिया. उन्होंने आदेश दिया कि हागिया सोफिया की मरम्मत कर उसे एक मस्जिद में परिवर्तित किया जाए. उसके बाद हागिया सोफिया मुसलमानों के लिए मस्जिद बन गई. मुस्तफ़ा कमाल पाशा जब तुर्की के प्रमुख बने तो उन्होंने देश को धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया. इसी सिलसिले में उन्होंने हागिया सोफिया को मस्जिद से म्यूजियम में बदलने का आदेश दिया.
लंबे समय तक चर्च के रूप में रही है मशहूर
1934 में बने कानून के तहत हागिया सोफिया में नमाज पढ़ने या किसी अन्य धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन पर पाबंदी लगा दी. उसके बाद से हागिया सोफिया का महत्व पर्यटकों के लिए म्यूजिम के रूप में अहम हो गया. फिलहाल ये इमारत संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को के विश्व धरोहरों की सूची में आती है. मगर अब इसके लिए मस्जिद बनाए जाने के पक्ष में लहर तेज हो गई है. राष्ट्रपति तैय्यब अर्दोगान पिछले साल चुनावी रैलियों में मुद्दे को जोर शोर से उठा चुके हैं.
मस्जिद से म्यूजियम बनने का भी इतिहास
उन्होंने अपनी चुनावी रैलियों में हागिया सोफिया को म्यूजिम में बदलने को बड़ी गलती करार दिया था. इसके साथ ही इस्लाम के माननवाले भी इमारत को मस्जिद में बदलने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. मगर धर्मनिरपेक्ष विरोधी पार्टियों के सदस्य इसके खिलाफ हैं. मस्जिद बनाने के प्रस्ताव का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक और राजनीतिक संगठनों की तरफ से भी विरोध हो चुका है. इस सिलसिले में संयुक्त राष्ट्र तुर्की को पत्र लिख चुका है मगर अभी तक उसे सरकार की तरफ से जवाब नहीं मिला. अब चंद दिनों में इस बात का नतीजा सामने आ जाएगा कि हागिया सोफिया मस्जिद रहेगी या फिर चर्च या फिर म्यूजिम.
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