तुर्की के दुश्मन साइप्रस को मिला नेतन्याहू का साथ! एर्दोगान के ड्रोन को जवाब देगा इजरायल का एयर डिफेंस सिस्टम
Cyprus-Russia Relations: रूस दशकों से साइप्रस का सैन्य और रक्षा उपकरणों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है लेकिन यूक्रेन-रूस युद्ध और प्रतिबंधों के कारण साइप्रस उपकरणों की कमी का सामना कर रहा है.
Cyprus gets Isreali Air Defence System: साइप्रस की स्थानीय मीडिया ने गुरुवार (5 दिसंबर, 2024) को अपनी रिपोर्ट में बताया कि साइप्रस ने एक इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी प्राप्त कर ली है. रक्षा क्षेत्र के प्रमुख आपूर्तिकर्ता रूस को खोने के बाद पूर्वी भूमध्य सागर के इस द्वीप देश ने अपनी रक्षा क्षमताओं को अपग्रेड करने के लिए यह कदम उठाया है.
टीवी स्टेशन सिग्मा ने बताया कि इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम की पहली आपूर्ति मंगलवार (3 दिसंबर) को की गई थी. हालांकि साइप्रियोट अधिकारियों ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है.
साइप्रियस राष्ट्रपति ने क्या कहा?
साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्तोडूलिड्स ने गुरुवार (5 दिसंबर) को पत्रकारों से कहा, "मैं केवल यही कह सकता हूं कि हम साइप्रस की शक्ति को मजबूत करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रहे हैं. न केवल इसलिए क्योंकि हम एक कब्जे वाले देश हैं, बल्कि इसलिए भी क्योंकि हम एक यूरोपियन यूनियन के एक सदस्य राज्य हैं, जो विशेष रूप से भू-रणनीतिक महत्व वाले क्षेत्र में स्थित है." बता दें कि साइप्रस 1974 में तुर्की के हमले के बाद अलग हो गया था.
रूसी टोर एम1 की जगह लेगी बराक एमएक्स एंटी एयरक्राफ्ट सिस्टम
इजरायल की बराक एमएक्स एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम पुराने रूसी टोर M1 की जगह लेगी. रूस दशकों तक साइप्रस को सैन्य उपकरणों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है. लेकिन साल 2022 में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने से पहले ही सौदे कम होने लगे थे.
रॉयटर्स को एक वरिष्ठ साइप्रियट सूत्र ने बताया, ‘रूस पर लगे प्रतिबंधों के कारण साइप्रस अपने मौजूदा डिफेंस सिस्टम के स्पेयर पार्ट्स की कमी का सामना कर रही है और जिसे अपग्रेड नहीं किया जा सकता.’
सूत्र ने कहा, "यही कारण है कि साइप्रस यूरोपियन यूनियन के अन्य देशों और इजराइल की ओर अपना रुख कर रहा है. इसके तहत हमारे एंटी-एयरक्राफ्ट सुरक्षा कवच को अपग्रेड करने के प्रयास भी चल रहे हैं." हालांकि साइप्रस के अधिकारी कभी भी खुले तौर पर खरीद कार्यक्रमों का खुलासा नहीं करते, क्योंकि तुर्की के साथ चल रहे तनाव को देखते हुए यह काफी संवेदनशील मामला है.
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