इस्तांबुलः महिलाओं को हिंसा से बचाने वाली एक ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय संधि से तुर्की गुरुवार को औपचारिक रूप से बाहर निकल गया. इस संधि पर तुर्की के इस्तांबुल शहर में ही हस्ताक्षर किए गए थे. गुरुवार शाम इस्तांबुल में सैकड़ों महिलाओं ने प्रदर्शन किया और कहा कि वे 'काउंसिल ऑफ यूरोप्स इस्तांबुल' संधि से तुर्की को बाहर नहीं निकलने देंगी. तुर्की के अन्य शहरों में भी ऐसे ही प्रदर्शन देखने को मिले.


राष्ट्रपति एर्दोआन ने लिया संधि से तुर्की को अलग करने का फैसला


राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने मार्च में अचानक इस संधि से तुर्की को अलग करने फैसला किया था. गुरुवार को उन्होंने महिलाओं के खिलाफ हिंसा से निपटने की अपनी खुद की कार्य योजना की घोषणा की. जिसमें न्यायिक प्रक्रियाओं की समीक्षा, संरक्षण सेवाओं में सुधार और हिंसा पर आंकड़े जुटाने जैसे लक्ष्य तय किया जाना शामिल है.


सैकड़ों महिलाओं ने इस्तांबुल में किया प्रदर्शन


तुर्की ने औपचारिक रूप से गुरुवार को महिलाओं को हिंसा से बचाने वाली एक ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय संधि से वापस ले लिया. जिसके बाद सैकड़ों महिलाओं ने गुरुवार को इस्तांबुल में प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि वह तुर्की को 'काउंसिल ऑफ यूरोप्स इस्तांबुल' संधि से बाहर नहीं जाने देंगी. महिलाओं की नारेबाजी और प्रदर्शन के बीच पुलिस ने इलाके को बंद कर दिया, लेकिन बाद में थोड़ी देर के लिए बैरिकेड्स हटा दिए ताकि एक छोटा मार्च निकाला जा सके.


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