Sweden In NATO: स्वीडन के 20 महीने का वनवास खत्म! नाटो सदस्यता के लिए तुर्किए की संसद ने दी मंजूरी
Sweden In NATO: रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्किए की संसद में राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन के सत्तारूढ़ गठबंधन के पास बहुमत है. उन्होंने ही आवेदन को मंजूरी देने के लिए मतदान किया.
Turkey Approve Sweden NATO Membership: स्वीडन की नाटो सदस्यता की मांग को तुर्किए की संसद ने मंगलवार (23 जनवरी) को मंजूरी दे दी है. तुर्किए की आम सभा ने स्वीडन की नाटो सदस्यता बोली को मंजूरी देने के लिए 55 के मुकाबले 287 वोटों से मंजूरी दे दी, जिसमें चार अनुपस्थित रहे. नाटो की सदस्यता पाने के लिए स्वीडन ने साल 2022 में आवेदन दिया था. उन्होंने ये फैसला रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद लिया था.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्किए की संसद में राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन के सत्तारूढ़ गठबंधन के पास बहुमत है. उन्होंने ही आवेदन को मंजूरी देने के लिए मतदान किया. मतदान के बाद उम्मीद की जा रही है कि राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन आने वाले दिनों में इस विधेयक पर हस्ताक्षर कर इसे कानून बना देंगे. जिससे 20 महीने की लंबी देरी समाप्त हो जाएगी. हालांकि, तुर्किए के इस फैसले से कुछ पश्चिमी सहयोगियों को निराशा हाथ लगी है.
मतदान करने से पहले चार घंटे बहस
तुर्किए की संसद में स्वीडन के पक्ष में मतदान करने से पहले चार घंटे से अधिक की बहस हुई. इस दौरान तुर्किए संसद के विदेशी मामलों के आयोग के प्रमुख और सत्तारूढ़ एके पार्टी के सदस्य फुआट ओकटे ने बयान दिया. उन्होंने कहा कि हम गठबंधन के निवारक प्रयासों में सुधार के लिए नाटो के विस्तार का समर्थन करते हैं. हमें उम्मीद है कि आतंकवाद से लड़ने के लिए फिनलैंड और स्वीडन का रवैया हमारे अन्य सहयोगियों के लिए एक उदाहरण बनेगा. इसके बाद स्वीडन की नाटो सदस्यता बोली को मंजूरी मिल गई.
स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टरसन ने मतदान के बाद कहा कि स्टॉकहोम गठबंधन में शामिल होने के "एक कदम करीब" है. इससे पहले तुर्किए ने पिछले साल अप्रैल में फिनलैंड की सदस्यता का समर्थन किया था, लेकिन हंगरी के साथ, स्वीडन को वेटिंग में रखा था.
फिनलैंड नाटो का 31 वां सदस्य
हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने अपने देश को सैन्य गठबंधन में शामिल करने के लिए बातचीत करने के लिए क्रिस्टरसन को आमंत्रित किया था. फिनलैंड पिछले अप्रैल में गठबंधन का 31वां सदस्य बना. इसकी सदस्यता ने रूस के साथ नाटो की सीमा की लंबाई को लगभग दोगुना कर दिया और तीन छोटे बाल्टिक देशों की सुरक्षा को काफी हद तक मजबूत किया जो सोवियत संघ के पतन के बाद ब्लॉक में शामिल हो गए.
ये भी पढ़ें:Saima Wazed: WHO में बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना की बेटी साइमा वाजिद को मिली ये अहम जिम्मेदारी