Turkey Imposes Ban On India : भारत के खिलाफ साजिश रचने वाला पाकिस्तान का दोस्त तुर्की बेनकाब हो गया है. तुर्की ने भारत को सैन्य हथियार बेचने पर बैन लगा दिया है. इससे दोनों देशों के रिश्तों में काफी तनाव पैदा हो सकता है. तुर्की के राष्ट्रपति तैयब एर्दोगन की सरकार ने हालांकि इसको लेकर कोई ऑफिशियल घोषणा नहीं की है, लेकिन भारत को लेकर किसी भी हथियार बिक्री को मंजूरी नहीं दी जा रही है. अगर कोई फाइल जाती है तो उसे रोक दिया जाता है. कुछ महीने पहले भारत ने जहाज निर्माण में शामिल तुर्की की कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट रद्द किया था, उसके बाद से तुर्की की तरफ से ऐसा किया जा रहा है. तुर्की की सरकार ने बैन के बारे में कोई बड़ी घोषणा नहीं की है, लेकिन तुर्की की संसद में इसका खुलासा हो गया.


भारत ने भी रद्द कर दिया था कॉन्ट्रेक्ट


EURASIAN TIMES की रिपोर्ट के मुताबिक, 10 जुलाई को ही तुर्की की प्रेसीडेंसी ऑफ डिफेंस इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष मुस्तफा मूरत सेकर से अनजाने में इसका खुलासा हो गया. इसके बाद ही यह खबर बाहर आ सकी. तुर्की और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियों के साथ भारत अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर तुर्की के खिलाफ खड़ा हो रहा है. अर्मेनिया-अजरबैजान संघर्ष में रुख अपनाने के बाद भारत ने स्पष्ट कर दिया कि एजियन सागर में तुर्की और ग्रीस के बीच संघर्ष में वह ग्रीस का पक्ष ले रहा है. इसके बाद से तुर्की बौखलाया हुआ है.इसी साल अप्रैल में भारत में जहाज निर्माण प्रॉजेक्ट में शामिल तुर्की की एक कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट भी रद्द कर दिया गया था.


भारत ने अपने लड़ाकू बेस पर ग्रीस  के हेलेनिक नेशनल डिफेंस जनरल स्टाफ के प्रमुख की मेजबानी की थी, जिससे तुर्की भड़क गया था. तुर्की के खिलाफ भारत का ये फैसला बार-बार कश्मीर को लेकर दिए जा रहे बयानों की वजह से था. अप्रैल में भारत की हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल) ने भारतीय नौसेना के लिए 5 सहायक जहाजों के बेड़े के निर्माण के लिए तुर्की की फर्मों के साथ सभी समझौतों को खत्म कर दिया और अपने दम पर निर्माण के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया.


मुस्तफा सेकर ने सांसदों को क्या दी जानकारी
मुस्तफा सेकर ने सांसदों से कहा कि भारत के लिए सरकार ने किसी भी सैन्य वस्तु की एक भी बिक्री को मंजूरी नहीं दी. भारत के साथ विवाद के जोखिम के बावजूद गुप्त प्रतिबंध के बारे में जानकारी सार्वजनिक की गई है. उन्होंने कहा, भारत दुनिया के शीर्ष 5 हथियार आयातकों में से एक है, यह एक बहुत बड़ा बाजार है, जो करीब 100 बिलियन डॉलर का आयात करता है. हमारी राजनीतिक परिस्थितियों और पाकिस्तान के साथ हमारी दोस्ती के कारण हमारा विदेश मंत्रालय हमें भारत को किसी भी उत्पाद के निर्यात पर सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं देता है, हम इस संबंध में अपनी कंपनियों को कोई परमिट नहीं देते हैं.