Turkey Or Turkiye: तुर्की है या तुर्किये ...अगर आप भी कंफ्यूज हो रहे हैं, तो आप बता दें कि अब Turkey… Turkiye हो चुका है. क्या आप जानते हैं, ये कब और क्यों हुआ ? तुर्की का नाम बदलकर तुर्किये ही क्यों रखा गया ? 


जून 2022 में तुर्की का नाम बदलकर तुर्किये कर दिया गया था. देश का नाम बदलने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने भी मंजूरी दे दी, लेकिन सवाल ये है कि ऐसा किया क्यों गया ? इतने बड़े फैसले के पीछे की असली वजह क्या है? क्या आप जानते हैं? आइए हम आपको बताते हैं.


तुर्की क्यों हुआ तुर्किये ?
पहली वजह 
तुर्की का इंग्लिश में उच्चारण टर्की होता है और इसका नाम बदलने की पहली वजह है वो चिड़िया जिसका नाम टर्की है, जिसे तुर्की भी कहते हैं. अमेरिका और यूरोप में क्रिसमस या किसी खास मौके पर इसका मांस खाने और खिलाने की परंपरा रही है. तुर्की मानता था कि इससे उसकी गलत छवि बन रही थी, इस छवि को तोड़ने के लिए राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने ये कदम उठाया था. टर्की अपने इस नाम को बदलकर तुर्की भाषा के हिसाब से नाम रखना चाह रहा था.


दूसरी वजह
कैंब्रिज इंग्लिश डिक्शनरी के मुताबिक टर्की का मतलब बेवकूफ होता है. नाम बदलने के पीछे ये भी एक बहुत महत्वपूर्ण वजह रही. तुर्की की नकारात्मक छवि बनने से रोकने के लिए ये फैसला लिया गया. 
तुर्की के राष्ट्रपति चाहते थे कि उनके देश का नाम ऐसा हो, जो उसके इतिहास और संस्कृति को पेश करें इसलिए देश का नाम तुर्किये रखा गया. इसका संबंध आजादी से भी है. दरअसल, 1923 में तुर्की पश्चिमी देशों के कब्जे से आजाद हुआ था.


आजादी मिलने के साथ ही लोग अपने देश को तुर्किये कहकर बुलाने लगे. तुर्की नाम गुलामी से जुड़ा था. वैसे टर्किश भाषा में तुर्की को तुर्किये ही कहा जाता है. ये पहला मौका नहीं है, जब तुर्की के नाम को बदलने की कोशिश की गई हो. 1980 के दशक के मध्य में तत्कालीन प्रधानमंत्री तुर्गट ओजाल ने भी ये प्रयास किया था, लेकिन वो कोशिश असफल रही. हालांकि, अर्दोआन की कोशिश सफल रही.


इन देशों का भी बदला नाम
नीदरलैंड का पुराना नाम हॉलैंड था. श्रीलंका को पहले सीलोन नाम से जाना जाता था. नॉर्थ मैसेडोनिया का पुराना नाम मैसेडोनिया गणराज्य. वहीं थाईलैंड का नाम 1939 से पहले तक सियाम था. 1935 से पहले ईरान को फारस के नाम से जाना जाता था. म्यांमार का पुराना नाम बर्मा था.


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