तुर्किए से भारतीय महिला अधिकारी की आई ये तस्वीर पूरी दुनिया में बनी चर्चा का विषय
तुर्किए में पड़ रही ठंड ने बाधाओं को और बढ़ा दिया है. अंतरराष्ट्रीय दल उपकरण और खोजी कुत्तों के साथ राहत और बचाव का काम लगातार करने में जुटे हैं.
तुर्किए और सीरिया में भूकंप से प्रभावित लोगों को बचाने में जुटी भारतीय महिला सैनिक की एक तस्वीर दुनिया भर में वायरल हो रही है. यह तस्वीर तुर्किए के इस्केंडरुन शहर के आर्मी फील्ड हॉस्पिटल की है. तस्वीर में एक भारतीय महिला अधिकारी दिख रही हैं, जिसे राहत बचाव अभियान के तहत हॉस्पिटल लाई गईं एक महिला गले लगा रही है.
तस्वीर को इंडियन आर्मी ने शेयर किया है और कैप्शन लिखा है- हम परवाह करते हैं. दरअसल, भूकंप के बाद राहत बचाव काम के लिए भारत ने ऑपरेशन दोस्त के तहत इंडियन आर्मी और एनडीआरएफ की टीम को भेजा है, जो वहां रेस्क्यू कर लोगों को मलबे से निकालने का काम कर रही है.
ऑपरेशन दोस्त क्या है?
भूकंप सहायता के तौर पर भारत ने ऑपरेशन दोस्त के तहत इंडियन एयरफोर्स के C-17 विमान को 2 NDRF टीमों, डॉक्टरों और राहत सामग्री के साथ भेजा है. यहां पर भारतीय सेना 30 अस्थाई अस्पताल बनाकर लोगों का ईलाज करेगी.
भारत के साथ ही अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और इजरायल समेत कई देश रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तुर्किए और सीरिया की मदद कर रहा है. यूएन की एजेंसी भी रेस्क्यू अभियान में जुटी है और मॉनिटरिंग कर रही है.
तीन तस्वीरों में देखिए भारतीय सेना कैसे बचा रही है जान
एनडीआरएफ की टीमों की कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आएं हैं, जिन्हें देखकर हर भारतीय को इन जवानों पर नाज होगा (फोटो- सोशल मीडिया)
6 साल की बच्ची का एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया जिसके बाद हॉस्पिटल में बच्ची के इलाज के दौरान की तस्वीर (फोटो- सोशल मीडिया)
भूकंप के बाद से ही प्रभावित इलाके में एनडीआरएफ की टीम कई मासूम जिंदगियां बचाने में लगी है. (फोटो- सोशल मीडिया)
अब कहानी तुर्किए में आए भूकंप की
तुर्किए और सीरिया में 6 फरवरी से लेकर अब तक भूकंप के 150 से अधिक झटके लग चुके हैं. 6 फरवरी को अहले सुबह भूकंप का पहला झटका लगा था और इसकी तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि इसने तुर्किए और सीरिया को पूरी तरह से तबाह कर दिया. हजारों जिंदगियां काल के गाल में समा गईं. ऐसा नहीं है कि पहला भूकंप आने के बाद झटके आना थम गए हो, यहां इस दिन एक के बाद एक लगातार आफ़्टरशॉक्स आते रहे. इनमें से कई झटकों की तीव्रता तो 5.0 से अधिक थी.
इस भूकंप में 21 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. किसी ने अपने सर से पिता का साया खो दिया तो कितनी ही मां की आंचल सुनी हो गई. वर्तमान में राहत बचाव कार्य का काम चल रहा है. इ
पूरी तरह तहस नहस हुआ तुर्किए
दरअसल भूकंप की घटना के बाद एक तरफ जहां तुर्किए लगभग पूरी तरह तहस नहस हो चुका है. वहीं दूसरी तरफ भारत समेत दुनिया के कई देश अपने आपसी रिश्ते, गिले-शिकवे को भुलाकर तुर्किए और सीरिया की मदद कर रहे हैं.
भारत भी यहां मलवे में दबे लोगों को बचाने के लिए ‘ऑपरेशन दोस्त’ चला रहा. ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत अब तक मलबे में फंसे हजारों लोगों की जान बचाई जा चुकी है. भारतीय सैनिक तुर्किए के खंडहर से कइयों के अपने और सपने को निकाल रहे हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह तस्वीर उसी वक्त की है. इस तस्वीर में तुर्किए की एक महिला भारतीय महिला सैनिक को किस देते नजर आ रही हैं. यह तस्वीर वाकई दिल जीतने वाली है.
विश्व के कई देशों ने वहां राहत कार्यों के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है.
तुर्किए में भारत द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन दोस्त के कई वीडियोज और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. एक और वायरल वीडियो में एनडीआरएफ की टीम के जवानों द्वारा एक 6 साल के बच्ची को मलबे से बचाते हुए देखा जा सकता है.
मलबे से निकाली गई बच्ची का नाम बेरेन है. इस वीडियो को गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया है. उन्होंने इसे साझा करते हुए लिखा, 'हमें अपने एनडीआरएफ पर गर्व है. तुर्किए में रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान भारतीय जवानों ने गजियांटेप शहर में एक छह साल की बच्ची बेरेन की जान बचाई. पीएम मोदी के मार्गदर्शन में हम एनडीआरएफ को दुनिया का सबसे अग्रणी आपदा प्रतिक्रिया बल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
Standing with Türkiye in this natural calamity. India’s @NDRFHQ is carrying out rescue and relief operations at ground zero.
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) February 9, 2023
Team IND-11 successfully retrieved a 6 years old girl from Nurdagi, Gaziantep today. #OperationDost pic.twitter.com/Mf2ODywxEa
अपने बच्चे को लेकर भागती महिला का वीडियो वायरल
इसके अलावा सोशल मीडिया पर एलेप्पो शहर का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक महिला एक छोटे से बच्चे को गोद में लिए भागती नजर आ रही है. वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला के आसपास इमारतें गिर रही हैं.
वहीं हारिम के पास बेसनाया-सेने गांव में भूकंप से पहले और बाद के दृश्य में तबाही का मज़र देखा जा सकता है. यहां तेज़ी से राहत और बचाव कार्य चल रहा है.
दफनाने की भी जगह नहीं
तुर्किए और सीरिया में भूकंप ने जो तबाही मचाई है उसके कारण मृतकों की संख्या लगातार बढ़ने से अंतिम संस्कार में भी दिक्कतें आ रही हैं. भीषण आपदा में इतने अधिक लोग मारे गए हैं कि उन्हें दफनाने के लिए जगह नहीं मिल रही है. ऐसे में अस्थाई कब्रिस्तान बनाकर उन्हें दफनाने के इंतजाम किए जा रहे हैं. मलबे के ढेर से निकाले गए सैकड़ों शवों को दफनाने के लिए तुर्किए के कहारनमारस शहर में गुरुवार (9 फरवरी) को देवदार के जंगलों के किनारे लंबी खाई खोदी गई.
राहत और बचाव अभियान लगातार जारी
वहीं वहां पड़ रही ठंड ने बाधाओं को और बढ़ा दिया है. अंतरराष्ट्रीय दल उपकरण और खोजी कुत्तों के साथ राहत और बचाव का काम लगातार कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र सहायता टीम ने गुरुवार (9 फरवरी) को तुर्किए के माध्यम से विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर-पश्चिम सीरिया में भी प्रवेश किया, जहां लाखों लोग विस्थापित हुए हैं.
गृहयुद्ध के प्रभाव से सीरिया में मदद के प्रयास बाधित हुए हैं, जिसने देश को सरकार और विपक्षी नियंत्रण के क्षेत्रों में विभाजित कर दिया. हालांकि तुर्किए और सीरिया के विद्रोहियों के कब्जे वाले दोनों क्षेत्रों में बचावकर्मियों ने छोटे बच्चों सहित जीवित बचे लोगों को मलबे से बाहर निकालना जारी रखा.