Recep Tayyip Erdogan: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है. इसी कड़ी में तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने चिंता जाहिर करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से तनाव कम करने का आग्रह किया है. इस बात की जानकारी तुर्किए के राष्ट्रपति कार्यालय ने दी.
दरअसल, एर्दोगन ने बुधवार (2 अगस्त) को कॉल कर पुतिन से तनाव को और न बढ़ाने का आग्रह किया. उन्होंने पुतिन से कहा कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिए, जिससे युद्ध में तनाव बढ़े. उन्होंने पुतिन के साथ बातचीत के दौरान अनाज सौदे के महत्व पर जोर दिया.
अनाज समझौते पर क्या बोले एर्दोगन
एर्दोगन ने पुतिन से कहा कि अनाज समझौते के लंबे समय तक निष्क्रिय रहने से किसी को कोई फायदा नहीं होगा और जरूरतमंद देशों को इसका नुकसान होगा. एर्दोगन ने यह भी कहा कि समझौता लागू होने के समय अनाज की कीमतों में 23 प्रतिशत की गिरावट आई थी, जो पिछले दो हफ्तों में 15 प्रतिशत बढ़ गई है. इस दौरान राष्ट्रपति कार्यालय ने यह भी जानकारी दी कि पुतिन जल्द ही तुर्किए यात्रा पर आएंगे लेकिन इस संबंध में कोई निर्धारित समय नहीं बताया गया.
अनाज समझौते से पीछे हटा मॉस्को
गौरतलब है कि तुर्की और संयुक्त राष्ट्र के बीच हुए समझौते में यूक्रेन को अपने काला सागर बंदरगाहों के माध्यम से अनाज निर्यात करने की अनुमति दी थी, लेकिन मॉस्को के पीछे हटने के बाद यह समझौता पिछले महीने समाप्त हो गया. रूस का कहना है वह काला सागर में अपने बंदरगाहों के जरिए यूक्रेनी अनाज को सुरक्षित ले जाने की अनुमति नहीं देगा.
बता दें कि काला सागर अनाज समझौता, दुनिया के गरीब देशों के लिए बेहद मायने रखता था, इसी समझौते की बदौलत दुनिया भर में खाद्य कीमतों में ज्यादा उछाल नहीं आया था, लेकिन अब माना जा रहा है कि कई देशों में खाद्य संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. यूक्रेन ने बुधवार को कहा कि समझौते के टूटने के बाद रूस ने दक्षिणी क्षेत्र ओडेसा में बंदरगाह के बुनियादी ढांचे पर हमला किया है. जिससे एक अनाज लिफ्ट और गोदाम नष्ट हो गए हैं.
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