Turkiye Election 2023: तुर्किए चुनाव में क्यों हो रही है दूसरी बार वोटिंग, कैसे चुना जाता है राष्ट्रपति
Turkiye Presidential Election 2023: तुर्किए में हो रहे राष्ट्रपति चुनाव पर दुनियाभर की नजरें हैं. तुर्किए हाल के दिनों में विनाशकारी भूकंप से उबरने के साथ-साथ कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है.
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Turkiye Election: विनाशकारी भूकंप से उबर रहे तुर्किये में नए राष्ट्रपति को चुनने के लिए एक बार फिर से वोटिंग होगी. दरअसल, पहले राउंड की वोटिंग 14 मई को हुई थी, जिसमें मौजूदा राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन और उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी कमाल कलचदारलू, दोनों को ही पचास फीसदी से अधिक वोट नहीं मिल सके थे. ऐसे में 28 मई को रनऑफ वोटिंग यानी निर्णायक मुकाबला होगा.
तुर्किए में हो रहे राष्ट्रपति चुनाव के लिए चार प्रत्याशियों ने दावेदारी की थी. दो उम्मीदवार पहले चरण के मतदान के बाद ही बाहर हो गए. मौजूदा राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन के साथ कमाल कलचदारलू, सिनान ओगान और मुहर्रम इंचे ने अपनी दावेदारी पेश की थी, लेकिन सिनान ओगान को पहले चरण के मतदान के दौरान महज पांच फीसदी के आसपास वोट मिले. वहीं 2018 में दूसरे स्थान पर रहे मुहर्रम इंचे ने वोटिंग से तीन दिन पहले खुद को राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर कर लिया था. हालांकि, बैलट पेपर पर उनका नाम दर्ज था.
क्यों हो रही है दूसरी बार वोटिंग?
जब 14 मई को वोटिंग हुई थी तब किसी भी उम्मीदवार को 50% से ज्यादा वोट नहीं मिले थे, जिससे रनऑफ दौर की नौबत आ गई. गौरतलब है कि पहले चरण के मतदान के दौरान अर्दोआन को 49.5 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि कमाल कलचदारलू को 44.9 प्रतिशत वोट मिले थे. यही वजह है कि 28 मई को रनऑफ वोटिंग यानी निर्णायक मुकाबला होगा.
20 साल से सत्ता में हैं अर्दोआन
बता दें कि कमाल कलचदारलू प्रमुख विपक्षी दल रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी नेशन अलायंस के तहत पांच अन्य दलों के साथ मिलकर चुनाव मैदान में है. अगर कलचदारलू की जीत होती है तो दशकों बाद बदलाव होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले 20 सालों में रेचेप तैय्यप अर्दोआन को कभी भी चुनाव में हार का सामना नहीं करना पड़ा है.
क्यों हो सकता है बदलाव?
इस समय तुर्किये कई चुनौतियों का सामना कर रहा है. विनाशकारी भूकंप के बाद देश में महंगाई आसमान छू रही है, विकास दर घट गई है और देश की मुद्रा लीरा की कीमत बुरी तरह गिर गई है. जनता में अर्दोआन को लेकर आक्रोश है. ऐसे में बदलाव हो सकता है. यही एक मुख्य वजह है कि बीस साल तक सत्ता में बने हुए अर्दोआन पर पहली बार इस तरह का दबाव है.
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