Turkiye-Syria Devastating Earthquake: तुर्किए (तुर्की) और सीरिया में 6 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप से हर तरफ तबाही ही तबाही मची है. भीषण आपदा में सैकड़ों मकान बर्बाद हो गए हैं और लाखों की संख्या में लोग बेघर हुए हैं. दोनों देशों में मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और ये आंकड़ा 33 हजार के पार हो गया है. भूकंप (Earthquake) में कई परिवार पूरी तरह से खत्म हो गए तो वहीं कई बच्चे अनाथ हो गए.
संयुक्त राष्ट्र (UN) ने आशंका जताई थी कि तुर्किए (Turkiye) और सीरिया (Syria) में भूकंप से मरने वालों की संख्या 50 हजार के पार हो सकती है.
तुर्किए और सीरिया में भूकंप से तबाही
तुर्किए (तुर्की) और सीरिया में भूकंप से भारी मालजाल का नुकसान हुआ है. दुनियाभर से बचावकर्मी राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं. मलबे से लगातार शव निकाले जा रहे हैं. तबाही और निराशा के बीच कई चमत्कार भी हुए हैं. कई बच्चे मलबे से जिंदा निकाले गए हैं. सीरिया में 6 फरवरी को आए भूकंप में मलबे में दबी एक महिला ने बच्ची को जन्म दिया था. मलबे के नीचे भूकंप के 10 घंटे बाद बच्ची जिंदा मिली थी. मां को तो नहीं बचाया जा सका था लेकिन बच्ची को मलबे से सुरक्षित निकाल लिया गया था.
जलजले के बीच चमत्कार
इस बच्ची का नाम अया रखा गया है, जिसका अरबी में अर्थ चमत्कार होता है. बच्ची का इलाज पास के शहर अफरीन में चल रहा है. शिशु रोग विशेषज्ञ हानी मारौफ ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि वह स्थिर है लेकिन चोट, घाव अभी हैं. बच्ची के अविश्वसनीय बचाव का फुटेज तेजी से ऑनलाइन वायरल हुआ था और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया. दुनिया भर के कई लोगों ने पूछा कि वे उस बच्ची को कैसे अडॉप्ट कर सकते हैं. हालांकि ये पुष्टि हो गई है कि अया के बड़े चाचा सलाह अल-बद्रन अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उसे ले जाएंगे.
सीरिया में 3 साल के बच्चे को बचाया गया
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक इसी तरह 3 वर्षीय तारिक हैदर को भूकंप आने के 42 घंटे बाद उत्तरी सीरिया के जंडारिस में उसके घर के मलबे से जिंदा निकाला गया था. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों को उनका बायां पैर काटना पड़ा. उसके माता-पिता और उसके दो भाई-बहनों को मृत अवस्था में बाहर निकाला गया था.
अनाथ बच्चों का भविष्य खतरे में?
यूनिसेफ के आपातकालीन संचार विशेषज्ञ जो इंग्लिश (Joe English) ने कहा, "अभी तक हमारे पास अनाथ हुए बच्चों को लेकर कोई सत्यापित संख्या नहीं है. लगातार बढ़ती मौत की संख्या को देखते हुए यह स्पष्ट है कि कई बच्चों ने इस विनाशकारी भूकंप में माता-पिता या देखभाल करने वालों को खो दिया होगा. उनकी पहचान करना जरूरी है, ताकि उचित देखभाल और सहायता मिल सके"
यूनिसेफ ने गोद लेने को लेकर क्या कहा?
यूनिसेफ (UNICEF) के जो इंग्लिश (Joe English) के मुताबिक किसी आपात स्थिति के तुरंत बाद गोद लेने की प्रक्रिया नहीं होनी चाहिए, जब तक एक बच्चे के माता-पिता या अन्य करीबी परिवार के सदस्यों के ठिकाने को सत्यापित नहीं किया जाता. बच्चे को उनके परिवारों के साथ फिर से मिलाने का हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए.
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