Operation Dost In Turkiye: पश्चिमी एशियाई देश तुर्किए (तुर्की) और सीरिया में 6 फरवरी को आए भूकंप (Earthquake) से भारी तबाही मची है. यहां अब तक 17,100 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, घायलों की संख्या 40 हजार के करीब हो गई है. हजारों इमारतें तबाह हुई हैं, जिनके मलबे में काफी लोगों के दबे होने की आशंका है. आपदा राहत बल बचाव कार्यों में जुटे हैं. प्रभावित इलाकों में विभिन्‍न देशों की ओर से मदद भेजी गई है.


भारत ने तुर्किए को सबसे बड़े संकट से उबारने के लिए 'ऑपरेशन दोस्‍त' (Operation Dost) लॉन्‍च किया है. इस ऑपरेशन के तहत सैकड़ों भारतीय बचावकर्मी विमानों के जरिए वहां पहुंचे हैं. भारतीय NDRF की टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं. साथ ही, भारतीय सेना के डॉक्टर्स भी तुर्किए (तुर्की) और सीरिया में देवदूतों की तरह उतर गए हैं. इसके अलावा कुछ अन्‍य भारतीय भी वहां पीड़ितों के लिए मसीहा बनकर सामने आए हैं. 




पीड़ितों को राहत-सामग्री बांट रहे भारतीय


सोशल मीडिया पर एक वीडियो में भारतीय मूल के हरजिंदर सिंह (Harjinder Sinkah Kukreja) तुर्किए में पीड़ितों को राहत-सामग्री बांटते नजर आए हैं. वह जिस तरह से भरपूर मदद कर रहे हैं, इसके लिए सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्‍हें एक मसीहा बताया है. कई लोगों ने कहा कि वह 'ऑपरेशन दोस्‍त' के सबसे बड़े एंबेसडर हैं. उनकी तरह कई और युवा भी भारत की ओर से पहुंचाई गई राहत सामग्री पीड़ितों तक पहुंचाने में मदद कर रहे हैं.




हरजिंदर सिंह कुकरेजा ने कहा, "यहां के लोग जरूरतमंदों को मदद करने में आगे हैं. मैंने अपनी ओर से छोटा-सा कॉन्ट्रिब्यूशन दिया है." 
उनके फेसबुक पेज पर पोस्ट किए गए वीडियो वायरल हो गए हैं.






रहने के लिए टेंपरेरी शेल्टर बनाए गए 


मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि भूकंप से तुर्किए में इमारतें जमींदोज होने के कारण लोगों के रहने के आवास नहीं बचे हैं. वहां ठंड ज्‍यादा है और बर्फ पड़ रही है. इसके अलावा बार-बार बारिश भी आ रही है, जिससे बचाव कार्य बाधित हो रहा है. ऐसे में बेघर लोगों के लिए टेंपरेरी शेल्टर बनाए गए हैं. अमेरिकी कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजी ने कुछ सैटेलाइट तस्वीरें जारी की है, जिनमें तबाही और शेल्टर के लिए बनाए गए टेंट दिख रहे हैं.


लोगों को खाने-पीने के लाले पड़े


तुर्किए के एक नेता ने कहा कि 7.8 तीव्रता के भूकंप से उनका शहर पूरी तरह तबाह हो चुका है. और, लोगों को खाने-पीने के लाले पड़े गए हैं.


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