Turkiye Earthquake: तुर्किए में आए विनाशकारी भूकंप के बाद वहां की स्थिति बिलकुल खराब हो चुकी है. दरअसल, 6 फरवरी को तुर्किए और सीरिया में भूकंप आया था, जिसके बाद से लगातार मलबे के नीचे से लोगों को निकाला जा रहा है. इस दौरान लगभग 44 हजार के करीब लोगों की मौत भी हो चुकी है, जिसमें तुर्किए में अकेले 38 हजार और सीरिया में 5 हजार 800 लोग मारे जा चुके है. 


दुनिया के करीब 84 देश के लोग बचाव कार्य में लगे हुए हैं. वो लोग मलबे के अंदर दबे लोगों को लगातार बाहर निकालने की कोशिश में जुटे हुए हैं. भूकंप के 12 दिन यानी 295 घंटों के बाद यानी 18 फरवरी को मलबे से तीन लोगों को जिंदा बाहर निकाला गया है.


100 से अधिक आफ्टरशॉक्स दर्ज किए गए थे


गौरतलब है कि तुर्किए में पहला भूकंप सोमवार (6 फरवरी) को स्थानीय समयानुसार सुबह 4:17 बजे आया और इसका केंद्र कहारनमारस प्रांत के पजारसिक जिले में था. इसके ठीक 12 घंटे से भी कम समय के बाद, उसी क्षेत्र में 7.6 तीव्रता का दूसरा भूकंप आया.


भूकंप के बाद 100 से अधिक आफ्टरशॉक्स दर्ज किए गए, अधिकारियों ने जोखिम के कारण लोगों से क्षतिग्रस्त इमारतों में प्रवेश नहीं करने का आग्रह किया है. इसके बाद तुर्किए में बचावकर्मियों ने विनाशकारी भूकंप के करीब 11 दिन बाद कल शुक्रवार (17 फरवरी) को भी 45 वर्षीय एक व्यक्ति को मलबे से निकाला. तुर्किए में ठंड के मौसम के बावजूद टीमें पूरे हफ्ते जिंदा बचे लोगों को ढूंढ रही हैं.


WHO के आंकड़ों से दोगुने


सीरियाई सीमा के पास दक्षिणी प्रांत हटे में 7.8 तीव्रता के भूकंप के झटके के 278 घंटे के बाद एक व्यक्ति हकन यासिनोग्लू को भी बचाया गया. वहीं गुरुवार देर रात और शुक्रवार तड़के तीन अन्य लोगों को बचाया गया, जिसमें एक 14 वर्षीय लड़का भी शामिल है और कुछ जगहों पर 24 घंटे तलाश जारी है.


बचाव कार्य में जुटी टीमों को भी बहुत तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहां के खराब मौसम की वजह से कहीं-कहीं पर ऑपरेशन के दौरान दिक्कतें आ रही है. भारत ने भी अपनी तरफ से NDRF की टीम और मेडिकल टीम भी भेजी है. पहले WHO ने मौत के आंकड़ों का अनुमान लगाते हुए 20 हजार लगाया था, लेकिन मौजूदा मौत के आंकड़े दोगुने से ज्यादा हो चुके हैं.


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