Turkiye Earthquake: पिछले 24 घंटे में मिडिल ईस्ट के देश तुर्की-सीरिया में कुल 145 से अधिक बार आए भूकंप ने तबाही मचा दी. सोमवार (6 फरवरी) को आए 7.1 तीव्रता के भूकंप ने दोनों देशों में खड़ी इमारतों को जमींदोज कर दिया. ऐसी स्थिति में भारत ने तुर्की की मदद के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए हर तरह की मदद का भरोसा दिया. 


आपदा के तुरंत बाद पीएम मोदी ने अपने राज्य विदेश मंत्री को दिल्ली स्थित तुर्की स्थित दूतावास अपने शोक संदेश के साथ भेजा. राज्य विदेश मंत्री वी मुरलीधरन ने भारत में तुर्की के राजदूत फिरात सुनेल से मिलकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और साथ ही हर तरह की मानवीय सहायता देने का वादा भी किया. 






भारत के राज्य विदेश मंत्री की इस विजिट के बाद फिरात सुनेल ने ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि तुर्की और हिंदी में दोस्त, दोस्ती के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक आम शब्द है. उन्होंने कहा कि हमारे तुर्की में एक कहावत है कि जरूरत में काम आने वाला दोस्त ही सच्चा दोस्त होता है. 


भूकंप से तबाह हुआ तुर्किए
तुर्किए में आए भूकंप से लगभग 14000 लोगों की मौत का अनुमान है. एपी की रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप और उसके बाद आए आफ्टर शॉक से कुल 5600 से अधिक इमारतों के जमींदोज होने का अनुमान है. आपदा में मरने वालों का आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है फिलहाल घायलों की संख्या के बारे में पुष्टी नहीं हो सकी है.  


अपनी जियोलॉजिकल स्थिति की वजह से तुर्की दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंप क्षेत्रों में शामिल है. तुर्की मुख्य रूप से एनाटोलियन टैक्टोनिक प्लेट पर स्थित है. ये प्लेट्स कई बार आपस में टकरा जाती हैं. अधिक दबाव होने पर कई बार ये प्लेट्स टूटने भी लगती हैं. इस दौरान भारी मात्रा में निकलने वाली ऊर्जा बाहर जाने का रास्ता खोजने लगती है. इस डिस्टर्बेंस से भूकंप जैसी स्थिति बनती है. 


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