Turkiye Earthquake: भूकंप के कारण पहले से तबाही झेल रहे तुर्किए की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रहा. सोमवार देर रात (भारतीय समयानुसार) फिर तुर्किए में 6.4 तीव्रता का जोरदार भूकंप आया. हैते प्रांत में ये तेज झटके महसूस किए गए हैं. 6 फरवरी को आए महाविनाशकारी भूकंप के बाद एक बार फिर धरती दहलने से तुर्की में दहशत का माहौल है. तुर्किए के मौजूदा हालात से अमेरिका भी बेहद चिंतित है. इस बात की पुष्टि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने की है.
जेक सुलिवन ने कहा कि सोमवार को दक्षिणी तुर्किए में आए दो ताजा भूकंपों को लेकर अमेरिका "बेहद चिंतित" है और उन्होंने कहा कि वे "पूर्ण समर्थन देने" के लिए तैयार हैं. सुलिवन ने ट्विटर पर लिखा कि तुर्किए और सीरिया में पहले से ही तबाह हुए क्षेत्रों में भूकंप के प्रभाव की खबरों से हम बहुत चिंतित हैं. अमेरिका अपना पूरा समर्थन देना जारी रखेगा.
उधर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि संगठन तुर्किए को अतिरिक्त सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है. सोमवार को आये भूकंप के बाद गुटेरेस ने ट्वीट करते हुए कहा कि हमारा संगठन तुर्किए और सीरिया के लोगों के साथ खड़ा रहेगा, सोमवार को आये भूकंप के बाद से लोगों में दहशत का माहौल है. हमारी टीमें जमीन पर स्थिति का आकलन कर रही हैं और आवश्यकतानुसार हम अतिरिक्त सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं.
देश की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि सोमवार की शाम को तुर्किए के सबसे दक्षिणी हैते प्रांत में दो भूकंप आए और इस क्षेत्र में बड़े भूकंप आने के दो सप्ताह बाद ही तीन लोगों की मौत हो गई और 213 घायल हो गए. दरअसल, दो हफ्ते पहले ही तुर्किए और सीरिया में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए थे, जिसमें 45 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.
भारत भी कर रहा है मदद
तुर्किए की मदद के लिए भारत पहले ही आगे आ चुका है. भारत से तुर्किए एनडीआरफ की कई टीमें भेजी गईं. राहत सामग्री भी लगातार पहुंचाई गई. भारतीय सेना ने तो तुर्किए में अपने अस्पताल भी बना लिए थे जहां पर घायलों को उपचार मिला. कुछ दूसरे देशों ने भी अपनी तरफ से तुर्की को सहायता भेजी थी.
ये भी पढ़ें: Ivanka Trump: यूएस के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी नहीं है किसी हीरोइन से कम, देखें तस्वीरें