ट्विटर के मालिक डोर्सी ने पकड़ा 'ब्राह्मणवादी पितृसत्ता की धज्जियां उड़ा दो' लिखा पोस्टर, अपने ही प्लेटफॉर्म पर घिरे
भारत के पहले दौरे के दौरान डोर्सी की मुलाकात चुनिंदा भारतीय महिला पत्रकारों से हुई. इस दौरान इन महिलाओं ने भारत में ट्विटर से जुड़े अनुभवों पर डोर्सी के साथ चर्चा की. लेकिन उनकी ये एक तस्वीर जिसमें उन्होंने प्लेकार्ड पकड़ रखा है, तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और लोग उन्हें घेरने लगे.
नई दिल्ली: ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी को एक प्लेकार्ड पकड़ना महंगा पड़ता नज़र आ रहा है. डोर्सी ने जो प्लेकार्ड पकड़ा है उसमें 'Smash the Brahminical Patriarchy' (ब्राह्मणवादी पितृसत्ता की धज्जियां उड़ा दो) लिखा है. इसकी वजह से इस पहचान से जुड़े लोग ट्विटर पर डोर्सी की ये कहते हुए आलोचना कर रहे हैं कि वो हिंसा के समर्थक और एक पहचान विशेष के विरोधी हैं.
भारत के पहले दौरे के दौरान डोर्सी की मुलाकात चुनिंदा भारतीय महिला पत्रकारों से हुई. इस दौरान इन महिलाओं ने भारत में ट्विटर से जुड़े अनुभवों पर डोर्सी के साथ चर्चा की. लेकिन उनकी ये एक तस्वीर जिसमें उन्होंने प्लेकार्ड पकड़ रखा है, तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और लोग उन्हें घेरने लगे. दक्षिणपंथी झुकाव वाले ट्विटर हैंडलों से डोर्सी के अपने प्लेटफॉर्म ट्वीटर पर ही उनकी जमकर आलोचना की जा रही है.
शेषाद्री चारी नाम के एक ऐसे ही हैंडल से लिखा गया, "ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने जो प्लेकार्ड पकड़ रखा है उसे देखिए. क्या उन्हें 'ब्राह्मणवादी पितृसत्ता की धज्जियां उड़ाने' का मतलब पता है? अगर ऐसा है तो उन्हें इसके बारे में विस्तार से बताना चाहिए, नहीं तो उन्हें ऐसे आक्षेप के लिए माफी मांगनी चाहिए. सिर्फ इसलिए कि चीन के उलट भारत में ट्विटर मशहूर है और इसे ज़्यादा आज़ादी है, वो जैसा चाहें बेतुका काम नहीं कर सकते."
See the poster held by Jack Dorsey Twitter CEO. Does he know the meaning of "Smash Brahminical Patriarchy"? If yes he should explain, or else apologise for such insinuation. Just because Twitter is popular & more freedom in India unlike China, he cannot get away with nonsense. pic.twitter.com/48Kh3JgF42
— Seshadri Chari (@seshadrichari) November 19, 2018
वहीं, जिस ट्विटर यूज़र ने ये पोस्टर बनाकर डोर्सी को गिफ्ट किया था उनका कहना है, "लगता है कि #Endcasteapartheid और #Smashbrahmincalpatriarchy पर बनाया गया मेरा पोस्टर हिंदुत्व के ट्रोल्स को पसंद नहीं आया. ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि जैक को ये पोस्टर एक ऐसी दलित कार्यकर्ता द्वारा दिया गया था जो वहां मौजूद थी."
Apparently #hindutva trolls are having a meltdown over my posters on #Endcasteapartheid and #Smashbrahmincalpatriarchy because @jack was gifted one of them from a #Dalit activist that was present. @twitterindia https://t.co/akzhupMh1K pic.twitter.com/l3YKnhweoz
— Dalit Diva (@dalitdiva) November 19, 2018
इस पोस्ट के सिलसिले में ट्वीटर ने कहा, "हाल ही में हमने महिला पत्रकारों के एक समूह और बदलाव लाने वालों के साथ बंद दरवाज़े के पीछे एक चर्चा की. इसके पीछे का आशय ट्विटर को इस्तेमाल करने के उनके अनुभव को बेहतर तरीके से समझना था. इनमें शामिल एक दलित कार्यकर्ता ने अपना निजी अनुभव शेयर किया और जैक को एक पोस्टर गिफ्ट में दिया."
Recently we hosted a closed door discussion with a group of women journalists and change makers from India to better understand their experience using Twitter. One of the participants, a Dalit activist, shared her personal experiences and gifted a poster to Jack. https://t.co/96gd3XmFgK
— Twitter India (@TwitterIndia) November 19, 2018
ट्विटर ने आगे कहा कि ये कंपनी या उनके सीईओ का कोई बयान नहीं है. बल्कि ये कंपनी द्वारा दुनिया भर में उनके प्लेटफॉर्म पर होने वाली चीज़ों को सुनने, देखने और समझने का ठोस प्रयास है. ट्विटर की लीगल, पॉलिसी और ट्रस्ट एंड सेफ्टी की प्रमुख विजया ने मामले पर एक यूज़र के ट्वीट के जवाब में माफी मांगते हुए लिखा है, "मैं इसके लिए सच में बहुत दुखी हूं."
उन्होंने आगे लिखा कि गिफ्ट में दी गई चीज़ के साथ एक निजी तस्वीर ली गई थी और उन्हें ज़्यादा सतर्क होना चाहिए था. ट्विटर का प्रयास है कि वो सबके लिए एक अहम प्लेटफॉर्म के रूप में काम करे. वो कहती हैं कि इस मामले में वो ऐसा करने में असफल रहीं और उन्हें भारत में बेहतर कराने का प्रयास ज़रूर करना चाहिए. ये भी देखें राफेल सौदे में एक पाई का भ्रष्टाचार नहीं हुआ है: अमित शाहI'm very sorry for this. It's not relective of our views. We took a private photo with a gift just given to us - we should have been more thoughtful. Twitter strives to be an impartial platform for all. We failed to do that here & we must do better to serve our customers in India
— Vijaya Gadde (@vijaya) November 19, 2018