Twitter Ads: ट्विटर पर एड दे सकेंगी राजनीतिक पार्टियां, 2019 में इस वजह से लगा था बैन
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर 2019 से लगे राजनीतिक विज्ञापन पर बैन की नीति को बदलने जा रहा है. नए सीईओ एलन मस्क ने कंपनी की मल्कियत हाथ में लेने के बाद से कई बदलाव करने शुरू कर दिए हैं.
Twitter On Political Advertisement: एलन मस्क के सीईओ बनने के बाद ट्विटर में कई तरह के बदलाव हुए. इनमें सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि ट्विटर आने वाले दिनों में राजनीतिक विज्ञापनों पर छूट दे सकता है. वह 3 साल पहले राजनीतिक विज्ञापन नहीं लेने के पुराने फैसले को बदलने पर विचार कर रहा है.
कंपनी की सेफ्टी टीम ने मंगलवार (3 जनवरी) को ट्वीट किया कि हम यूएस में कॉज बेस्ड विज्ञापनों के लिए अपनी विज्ञापन नीति में ढील देने पर विचार कर रहे हैं. ट्विटर ने कहा कि हम आने वाले हफ्तों में अपने राजनीतिक विज्ञापनों को फिर से लागू कर सकते हैं.
We believe that cause-based advertising can facilitate public conversation around important topics. Today, we're relaxing our ads policy for cause-based ads in the US. We also plan to expand the political advertising we permit in the coming weeks.
— Twitter Safety (@TwitterSafety) January 3, 2023
2019 में जैक डोर्सी ने लगाया था बैन
2019 में ट्विटर के तात्कालीन सीईओ जैक डोर्सी ने राजनीतिक विज्ञापनों पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि इससे प्लेटफॉर्म पर झूठी सूचनाएं फैलने का खतरा था और फेक न्यूज को बढ़ावा मिल रहा था.
एक कार्यक्रम में जैक डोर्सी ने कहा था कि इंटरनेट से मिला हुआ विज्ञापन जहां कामर्शियल विज्ञापनदाताओं के लिए बेहद प्रभावी है लेकिन राजनीतिक इस्तेमाल के लिए जोखिम भरा है. राजनीतिक विज्ञापन से लाखों लोगों को गुमराह करके उनके वोट को प्रभावित किया जा सकता है. ट्विटर के इस नये फैसले से, उसकी वह नीति खत्म हो जाएगी जिसमें उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों, और निर्वाचित या नियुक्त सरकारी अधिकारी विज्ञापन नहीं दे सकते थे.
क्या है ट्विटर का तर्क?
2018 में हुए मध्यावधि चुनाव पर नजर डालें तो हम पाएंगे कि इन चुनाव में ट्विटर को $3 मिलियन से भी अधिक का फायदा हुआ. इन प्रतिबंधों को हटाने की वकालत करते हुए ट्विटर ने कहा था कि इन विज्ञापनों पर बैन हटने से इस प्लेटफॉर्म पर महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर होने वाली चर्चा बढ़ जाएगी.