चीन पर साजिशन कोरोना वायरस फैलाने का दावा करने वाली वैज्ञानिक का ट्विटर हैंडल सस्पेंड
इस मामले में अभी तक माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर की ओर से जवाब नहीं आया है कि वैज्ञानिक का अकाउंट किन वजहों से बंद किया गया.
नई दिल्ली: चीन पर साजिशन कोरोना वायरस (Covid-19) बनाने का आरोप लगाने वाली चीनी वैज्ञानिक और महामारी विशेषज्ञ ली मेंग यान का ट्विटर हैंडल निलंबित कर दिया गया है. दरअसल महामारी विशेषज्ञ यान ने दावा किया था कि कोरोना महामारी पशुओं से इंसानों में नहीं फैली बल्कि चीन के वुहान में वैज्ञानिकों ने इसे प्रयोगशाला में बनाया था.
चीनी वैज्ञानिक यान का कहना है कि इस खुलासे के बाद उनकी जिंदगी खतरे में आ गई. उन्हें हांगकांग यूनिवर्सिटी की अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी, यहां तक की जान बचाने के लिए देश से भी भागना पड़ा.
अखबार डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन पर जानबूझकर कोरोना वायरस बनाने और दुनिया में फैलाने का आरोप लगाने वाली वैज्ञानिक यान का ट्विटर हैंडल मंगलवार को बंद कर दिया गया. नियमों का उल्लंघन करने पर ट्विटर लोगों के अकाउंट सस्पेंड करता रहता है. लेकिन इस मामले में अभी तक माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर की ओर से जवाब नहीं आया है कि वैज्ञानिक का अकाउंट किन वजहों से बंद किया गया.
हालांकि खबर के अनुसार यान को मई से ही ट्विटर उनके कोरोना वायरस संबंधी दावों को लेकर चेतावनी दे रहा था. गौरतलब है कि चीनी वैज्ञानिक यान ने एक वीडियो जारी कर दावा किया था कि उनके पास इस बात के पक्के सबूत हैं कि कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर की वायरोलॉजी लैब से आया है न कि जानवरों के मार्केट से, जैसा कि चीन का दावा है. उन्होंने कहा कि वायरस का जीनोम अनुक्रम (Genome Sequence) एक मानव फिंगरप्रिंट की तरह है.
बता दें कि ली मेंग यान एक वैज्ञानिक के तौर पर हांगकांग के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में कार्यरत थीं. इसी दौरान उन्हें चीन द्वारा कोरोना वायरस फैलाने के बारे में पता चला तो उन्होंने इसका खुलासा करने की ठानी. यान एक गुप्त स्थान से टॉक शो 'लूज वुमन शो' में शामिल हुईं और यह खुलासा किया. उन्होंने टॉक शो में कहा कि उन्हें 31 दिसंबर 2019 को उनके पर्यवेक्षक ने वुहान में एक नए सार्स जैसे वायरस (SARS like Virus) की जांच करने को कहा लेकिन जल्द ही यह बंद कर दिया गया.
इस खुलासे के बाद यान को देश छोड़कर भागना पड़ा. उन्होंने चीनी सेना पर आरोप लगाते हुए कहा, 'सेना ने मेरी सारी जानकारी मिटा दी और लोगों से कहा कि मैं अफवाह फैला रही हूं.' हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और चीनी सरकार ने यान के दावों को विवादित घोषित कर दिया है.
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