Iran Protests 2022: इस्लाम में जिवाज़ है कि जब किसी की मृत्यू होती है तो उसकी कब्र पर आखिरी नमाज़ पढ़ी जाती है. वहीं ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन का हिस्सा रहे 23 वर्षीय माजीद्रेजा रहनावर्ड की आखिरी इच्छा थी कि जब वो मर जाए तो कोई भी उसकी कब्र पर नमाज न पढ़े. 


दरअसल, ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन चल रहे हैं. 23 वर्षीय माजीद्रेजा रहनावर्ड भी इन प्रदर्शनों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे थे. मगर, सोमवार उन्हें फांसी दे दी गई. युवा माजीद्रेजा से जब उसकी आखिरी इच्छा पूछी गई तो उसने कहा, "जब मैं मर जाऊं तो मेरी कब्र पर न कोई कुरान पढ़े, न कोई कोई किसी तरह की प्रार्थना करे, बस म्यूजिक पर सेलिब्रेट करे." माजीद्रेजा रहनावर्ड को मशाद शहर में फांसी दी गई, उससे आखिरी इच्छा का सवाल सैनिकों ने पूछा था. 


बेल्जियम की सांसद ने शेयर किया वीडियो
माजीद्रेजा रहनावर्ड से जुड़ा सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह सैनिकों को अपनी आखिरी इच्छा बताते हुए दिखाई दे रहे हैं. बेल्जियम की महिला सांसद और महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली दारया साफई ने इस वीडियो को सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर शेयर किया है. वीडियों में देखा जा सकता है कि युवक की आंख पर काली पट्टी बंधी हुई है, लेकिन वह सैनिकों को बिना डरे जवाब दे रहा है. 






युवक माजीद्रेजा पर आरोप था कि उसने चाकू से दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या और चार सुरक्षाकर्मियों को घायल कर दिया था. आरोप लगने के बाद माजीद्रेजा की कोर्ट में पेशी हुई जिसके बाद कोर्ट ने उसे दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुना दी. इस खबर की पुष्टी ईरानी मानवाधिकार संगठन के संचालक मोहम्मद अमीरी मोगाधम ने भी की है. समाचार एजेंसी एएफपी के अमुसार, मोहम्मद अमीरी ने कहा, 23 साल के युवक को गिरफ्तारी के बाद सरेआम फांसी देकर इस्लामिक रिपब्लिक के नेताओं ने एक और संगीन जुर्म किया है.  


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