आपातकाल के बीच एक भारतीय समेत दो पत्रकार को मालदीव छोड़ने का आदेश
मालदीव में लगे 15 दिनों के आपातकाल के बीच ताज़ा घटनाक्रम में एक भारतीय समते दो पत्रकार को मालदीव छोड़ने का आदेश दिया गया है. ये इमरजेंसी तब लगाई गई थी जब देश की सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति के राजनीतिक विरोधियों को रिहा करने का आदेश दिया था.
माले: एक भारतीय पत्रकार समेत फ्रांस की समाचार एजेंसी AFP के लिये काम कर रहे दो पत्रकारों को मालदीव छोड़कर जाने का आदेश दिया गया है. मालदीव पुलिस ने इमिग्रेशन नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में दोनों को गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने एक बयान में कहा कि भारतीय नागरिक मोनी शर्मा और भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक आतिश रवि पटेल पत्रकार हैं. पुलिस ने पाया था कि दोनों इमिग्रेशन नियमों का उल्लंघन कर देश में काम कर रहे थे जिसके बाद उन्हें इमिग्रेशन अधिकारियों को सौंप दिया गया.
बयान में कहा गया, ‘‘दोनों यहां टूरिस्ट वीज़ा पर आये थे. दोनों ही इमिग्रेशन लॉ उल्लंघन करके देश में पत्रकार के तौर पर काम कर रहे थे.’’ मालदीव पुलिस ने हालांकि साफ किया कि दोनों पत्रकारों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है.
पुलिस ने कहा, ‘‘हम यह बताना चाहेंगे कि उन्हें मालदीव छोड़ने के लिये कहा गया है लेकिन उनके खिलाफ कोई और कानूनी कदम नहीं उठाया गया है.’’
मालदीव में लगा है आपातकाल
आपको बता दें कि मालदीव में देश के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन ने 15 दिनों की इमरजेंसी लगा रखी है. ये इमरजेंसी तब लगाई गई थी जब देश की सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति के राजनीतिक विरोधियों को रिहा करने का आदेश दिया था. इमरजेंसी के बाद ज़्यादातर देशों में मौलिक अधिकारों को समाप्त कर दिया जाता है. ऐसे में पहली गाज अपने और बाहर देश के पत्रकारों पर ही गिरती है, क्योंकि असुरक्षित सरकार नहीं चाहती कि किसी भी प्रकार की सूचना देश के बाहर भेजी जा सके.