सैन फ्रांसिस्को: अमेरिका में नॉर्दर्न कैलीफोर्निया के एक वॉलमार्ट डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर में एक बंदूकधारी ने अपनी गाड़ी घुसा दी और फिर वहां काम कर रहे लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी. इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई जबकि चार लोग घायल हो गए. द सेक्रामेंटो बी न्यूजपेपर के मुताबिक बंदूकधारी के पास एआर टाइप वेपन था.


ऐसा कहा जा रहा है कि इस व्यक्ति को पुलिस ने सेक्रामेंटो से 120 मील उत्तर में स्थित रेड ब्लफ शहर में मार गिराया है. घटना में घायल चार लोगों का इलाज चल रहा है. इनकी हालत स्थिर बताई जा रही है.


इससे पहले 21 जून को मिनेपोलिस में गोलियां चली थी. तब एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 11 घायल हो गए थे. इससे एक दिन पहले न्यूयॉर्क में एक जश्न के दौरान फायरिंग हुई थी, जिसमें 9 लोग घायल हो गए थे. अमेरिका में मास शूटिंग की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं. साल 2019 में सबसे ज्यादा मास शूटिंग की घटनाएं हुईं. यूएसए टुडे और नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी के मुताबिक, 2019 में 41 मास शूटिंग की घटनाएं हुईं, जिनमें कुल 211 लोगों की मौत हुई है.


अमेरिका में कोविड-19 के संक्रमण के मामले अनुमान से कहीं ज्यादा
जब चीन में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप चरम पर था तब अमेरिका जैसे देश चीन पर तथ्यों को छिपाने का आरोप लगा रहे थे. लेकिन अब चीन में स्थिति लगभग सामान्य है और अमेरिका बेहाल है. वहां करीब 26 लाख नागरिक वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. अब खुद अमेरिका के भीतर से आवाजें उठनी शुरू हो गयी हैं कि वहां संक्रमण के मामलों को छिपाया जा रहा है. वैसे आधिकारिक रूप से अमेरिका में लगभग एक लाख 28 हजार मरीजों की मौत हो चुकी है.


कुछ विशेषज्ञों का दावा है कि अमेरिका में लगभग 2 करोड़ लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं. जो कि आधिकारिक आंकड़ों से लगभग दस गुना ज्यादा है. इससे यह भी पता चलता है कि बड़ी संख्या में लोग वायरस के लक्षण के बिना ही बीमार हुए होंगे.


अधिकारियों का कहना है कि संक्रमण के मामले बहुत ज्यादा होने का अनुमान एंटीबॉडी परीक्षण की उपस्थिति पर आधारित है, जो एंटीबॉडी की उपस्थिति को निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाता है. इस तरह यह साफ हो जाता है कि अमेरिका में जो संख्या ट्रंप सरकार द्वारा जारी की जा रही है, उसमें सच्चाई नहीं है. लेकिन अमेरिका के तमाम नेता नवंबर में होने वाले चुनावों को लेकर व्यस्त हैं, वे मतदाताओं को रिझाने के लिए नए-नए तर्क दे रहे हैं.


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