US MPs Attack On China: अमेरिका और चीन के रिश्तों की तल्खी किसी से छिपी नहीं है. आए दिन इन दोनों महाशक्तियों के आमने-सामने होने की खबरें आती रहती हैं. इसी क्रम में हाल ही में अमेरिका के दो सीनेटर्स ने एक ऐसा प्रस्ताव पेश किया जिसमें वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर चीन की आक्रामकता का विरोध किया गया है. इसके साथ ही इस प्रस्ताव के पास होने के बाद अमेरिका की ओर से अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न हिस्सा माना जाएगा.


जिन सीनेटर्स ने इस प्रस्ताव पेश किया है उनके नाम बिल हैगर्टी और जेफ मर्कले हैं. सीनेटर हैगर्टी ने एक प्रेस रिलीज जारी करके कहा कि चीन की तरफ से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में खतरा बढ़ता जा रहा है. ऐसे में अमेरिका के लिए अहम हो जाता है कि वो अपने रणनीतिक साझेदारों के साथ खड़ा हो. खासतौर पर भारत के साथ. तो आइए जानते हैं अमेरिका के इन दोनों सांसदों के बारे में-


बिल हैगर्टी


अमेरिका के सीनेटर बिल हैगर्टी एक नेता होने के साथ-साथ एक बिजनेसमैन और डिप्लोमैट भी रह चुके हैं. उनका पूरा नाम विलियम एफ हैगर्टी है. मौजूदा समय में वो रिपब्लिकन पार्टी से जुड़े हुए हैं और टेनेसी से सीनेटर हैं. इसके अलावा, जब डोनल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति थे उस समय उन्हें जापान में अमेरिका का राजदूत नियुक्त किया गया था.


साल 2017 से 2019 तक वो जापान में ही रहे. देखा जाए तो जापान में रहते हुए उनके पास चीन और उसकी रणनीतियों को लेकर अच्छी खासी समझ है. साल 2020 से वो सीनेटर हैं. इसके अलावा वो ये भी कहते आए हैं कि मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन की चीन के खिलाफ नीतियां काफी कमजोर हैं.


जेफ मर्कले


वहीं जेफ मर्कले की अगर बात करें तो वो फिलहाल ऑरगन से सीनेटर हैं. वो भी चीन पर बाइडेन की नीतियों को लेकर काफी नाराज देखे जाते हैं. वो खुद भी डेमोक्रेट हैं, लेकिन चीन पर सरकार के रवैये को लेकर मुखर रहते हैं. उन्हें चीन को लेकर आक्रमक रवैया रखने वाला नेता माना जाता है. हाल ही में जब मोंटाना में चीन का जासूसी गुब्बारा नजर आया था तो उस वक्त भी जेफ ने काफी सख्ती के साथ चीन की निंदा की थी.


उनका कहना था कि ये सुनने में अजीब लगता है कि चीन की ओर से एक जासूसी गुब्बारा देश में दाखिल हो जाता है. हमने इसे ढेर कर दिया है. इसके अलावा, साल 2021 में जेफ ने हांगकांग पर चीन की नीतियों का विरोध करने वाला एक ट्वीट किया था. जेफ ने लिखा था कि चीन, हांगकांग में मानवाधिकारों का गंभीर उल्‍लंघन कर रहा है. वह ऐसे समय में लोकतंत्र की आवाज को दबा रहा है जब सबकी नजरें उस पर टिकी हुई हैं.


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