यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE) ने फ्रांस के साथ 80 राफेल खरीदने की 20 बिलियन डॉलर की डील रद्द कर दी है. यूएई का ये फैसला Telegram CEO और फाउंडर पावेल ड्यूरोव (Pavel Durov) की फ्रांस प्रशासन द्वारा गिरफ्तारी के बाद आया है. Pavel Durov के जमानत पर रिहा होने के बावजूद यूएई और फ्रांस के बीच रिश्तों में तनाव आ गया है. 


 Pavel Durov के पास अन्य देशों के अलावा UAE की भी नागरिकता है. उन्हें अजरबैजान से लौटते वक्त शनिवार को पेरिस एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था. फ्रांसीसी अधिकारियों ने यह गिरफ्तारी कथित तौर पर टेलीग्राम प्लेटफॉर्म पर वित्तीय अपराध, साइबर क्राइम, ड्रग्स की तस्करी और बच्चों के शोषण के आरोपों को लेकर की थी. 


Pavel Durov ने इन आरोपों को खारिज करते हुए अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया था. उन्होंने कहा था कि पश्चिमी देशों को टेलीग्राम का बैकडोर एक्सिस देने से इनकार करने की वजह से उन पर ये कार्रवाई की गई है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो  Pavel Durov UAE के करीबी माने जाते हैं और यूएई ने उनकी गिरफ्तारी पर नाराजगी जताई थी. यूएई ने इसे राजनयिक रिश्तों का उल्लंघन भी बताया था.


संयुक्त अरब अमीरात में Durov के संबंधों खासकर अमीर के बेटे जायद अल नाहयान के साथ उनके संबंधों के चलते दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया है. 2021 में फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट के साथ हुए राफेल सौदे को रद्द करने के फैसले के पीछे पावेल ड्यूरोव की गिरफ्तारी को प्रमुख वजह बताया जा रहा है. 

UAE ने 2021 में 80 राफेल खरीदने के लिए 20 बिलियन डॉलर की डील की थी. ये हाल के सालों में यूएई की ओर से की गई सबसे बड़ी रक्षा डील थी. इसके तहत यूएई को 80 राफेल मिलने थे. राफेल का पहला बैच 2027 में मिलने की उम्मीद थी. ऐसे में इस डील के रद्द होने से न सिर्फ फ्रांस को वित्तीय नुकसान हुआ है, बल्कि यूएई के साथ उसके रिश्तों में भी गिरावट के तौर पर देखा जा रहा है.