UAE Visa: भारत के कई लोग अच्छी कमाई करने, घूमने, खाड़ी देशों में जाते हैं. इसमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का नाम सबसे ऊपर आता है. किसी भी देश के लोगों को दूसरे देश में एंट्री करने के लिए पासपोर्ट और वीजा की जरूरत होती है. वहीं पिछले कई समय से यूएई ने दूसरे देश से आने वाले टूरिस्टों के वीजा पॉलिसी में बड़े चेंजेस किए हैं. हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने अमीरात आईडी, विजिट वीजा और रेजीडेंसी वीजा की फीस में बढ़ोतरी की है.
इस फैसले से विदेशी टूरिस्टों को पहले के मुकाबले यूएई में घूमना महंगा पड़ने वाला है. यूएई सरकार ने अमीरात आईडी की कीमत 270 दिरहम से बढ़ाकर 370 दिरहम कर दी है. इसका मतलब एक महीने का विज़िट वीज़ा जारी करने का शुल्क 270 दिरहम के बजाय 370 दिरहम देना होगा. एक बहुत जरूरी बात ये है कि इसका सबसे ज्यादा असर वहां जाने वाले भारतीयों पर पड़ने वाला है. भारतीयों को घूमने जाने के अलावा वहां पर लाखों की संख्या में भारतीय रहते है.
कई तरह के बदलाव शामिल है
यह वीजा और रेजीडेंसी सिस्टम में हाल ही में लागू किए गए परिवर्तनों की कड़ी में नए बदलाव है. संयुक्त अरब अमीरात के भीतर अब ट्रैवल वीजा को नहीं बढ़ाया जा सकता है. टूरिस्ट को देश से बाहर जाना होगा और नए वीजा पर वापस आना होगा. Evaluation of Immigration and Citizenship Program (ICP) ने हाल ही में देश में वीजा अवधि से अधिक रहने पर जुर्माना को 50 दिरहम तक कर दिया है. जो पर्यटक और विजिट वीजा धारक समय से अधिक रुकते हैं, उन्हें हर दिन 100 दिरहम के बजाय 50 दिरहम का भुगतान करना होगा.
रेजीडेंसी वीजा पर अधिक रूकने पर जुर्माना बढ़ा
रेजीडेंसी वीजा पर समय से पहले रुकने वालों को 25 के बजाय 50 दिरहम का भुगतान करना होगा. पिछले साल, यूएई का सबसे बड़ा एंट्री और रेजीडेंसी सुधार नियम लागू हुआ. इस नियम में एक महत्वपूर्ण रूप से एक्सटेंडेड गोल्डन वीजा स्कीम, पांच-वर्षीय ग्रीन रेजिडेंसी, बहु-प्रवेश पर्यटक वीज़ा और नौकरी के वीजा एंट्री परमिट को शामिल किया गया हैं.
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