पाकिस्तानियों को इस वक्त संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से वीजा मिलने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले साल अक्टूबर में खबर आई थी कि यूएई ने पिछले साल कई इलाकों के लोगों को वीजा देने से मना कर दिया था. हालांकि, अब पूरे पाकिस्तान को ही वीजा के लिए मशक्क्त करनी पड़ रही है. पाकिस्तान के इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट उमर चीमा ने इस हवाले से अधिकारियों से बात करके पता लगाने का कोशिश की कि यूएई पाकिस्तानियों को वीजा देने में क्यों कतरा रहा है. इस पर अधिकारियों ने कहा कि कम हुनर, इंग्लिश न आना, नशे-ड्रग की लत, पाकिस्तानियों के सोशल मीडिया पोस्ट और साफ-सफाई न रखना है, इसके मुख्य कारण हैं.


उमर चीमा ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि पहले के मुकाबले अब पाकिस्तान से कम स्किल्ड लोग जाते हैं. पाकिस्तानी लेबर कोई हुनरमंद लेबर नहीं है. उन्हें काम बहुत अच्छी तरह से नहीं आता है. दूसरा भाषा की दिक्कत है, पाकिस्तानी लेबर को इंग्लिश नहीं आती है. यूएई में दूसरे देशों के लोग इंग्लिश बोलते हैं. इस मामले में पाकिस्तानियों भारतीय आगे हैं. 


यूएई की जेलों में भारतीयों से ज्यादा पाकिस्तानी
उमर चीमा ने आगे बताया कि पाकिस्तानियों की तुलना में हिंदुस्तानियों की संख्या ज्यादा है, लेकिन जेलों में यह उल्टा है. जेलों में पाकिस्तानियों की संख्या भारतीयों से दोगुनी है. उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तानी नशा और ड्रग ज्यादा लेते हैं. पाकिस्तानियों को वहां न बुलाने की एक और वजह बताई गई कि पाकिस्तानी बहुत झगडालू हैं. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जब अरेस्ट किया गया तो यूएई में भी पाकिस्तानियों ने बड़ा बवाल मचाया, जिसे यूएई ने काफी नोटिस किया.


बाढ़ को यूएई मंदिर से जोड़कर अजीब दावे कर रहे पाकिस्तानी
अधिकारियों ने सोशल मीडिया का भी जिक्र और कहा कि पाकिस्तानी यहां हर चीज को सोशल मीडिया पर अपलोड करके अजीब-अजीब दावे करते हैं, जैसे पिछले दिनों वहां भारी बारिश हुई, जिसकी वजह से सैलाब आ गया था. इशे लेकर पाकिस्तानियों पोस्ट किए और इसको हाल ही में वहां बनाए गए मंदिर से जोड़ दिया गया. उन्होंने कहा कि बारिश को लेकर पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर खबरें फैला रहे थे कि यूएई में हिंदुओं के लिए मंदिर बनाया गया इसलिए वहां अल्लाह का अजाब आया.


इजरायल और भारत के साथ यूएई के संबंधों पर भी सवाल उठाते हैं पाकिस्तानी
उमर चीमा ने यह भी बताया कि पाकिस्तानी यूएई दूसरे देशों के साथ कैसे रिश्ते रखता है या उसका क्या रुख है, उन्हें लेकर बहुत टिप्पणी करते हैं, जो यूएई सरकार को पसंद नहीं है. उमर चीमा ने बताया कि अधिकारियों ने उनसे कहा कि इजरायल और भारत के बारे में यूएई की जो पॉलिसी हैं, उसे लेकर पाकिस्तानियों को बड़ी तकलीफ है.पाकिस्तानी इस पर सोशल मीडिया पर बातें करने से बाज नहीं आते, जो यूएई को पसंद नहीं हैं. किस मुल्क से किस तरह से ताल्लुकात रखने हैं, वो हमें कोई नहीं बताएगा, आप कौन होते हैं मशवरा देने वाले.


यूएई ने पाकिस्तानियों को लेकर हाइजीन के इशू भी बताए हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग नहाते नहीं हैं. नमाज पढ़ते हैं, जो कि अच्छी बात है, लेकिन नमाज के लिए लंबा ब्रेक लेते हैं, जो यूएई को पसंद नहीं है. वहीं, भारत और नेपाल के लोगों के साथ इस तरह के मसले नहीं आते हैं.


उमर चीमा ने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें बताया कि पाकिस्तानी और भारतीयों की तादाद वहां काफी बढ़ गई है. पहले भारतीयों को लेकर भी इस तरह के कदम उठाए गए थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. उन्होंने बताया कि भारत की संयुक्त अरब अमीरात के साथ 80 अरब डॉलर की ट्रेड है, जो रियल एस्टेट, टेक्नोलॉजी, होटलिंग और भी कई सेक्टर्स में है. वहीं, पाकिस्तान की ट्रेड डील सिर्फ 7 बिलियन डॉलर की है और  वो भी पाकिस्तान सिर्फ रियल एस्टेट में इनवेस्ट करता है.


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