Prison to Bangladeshi Nationals: संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) की एक अदालत ने 57 बांग्लादेशियों को अपने देश की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने पर कारावास की सजा सुनाई है जिसकी जानकारी सरकारी मीडिया ने दी. सरकारी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम की खबर के मुताबिक अबू धाबी की संघीय अपीलीय अदालत ने रविवार को 53 बांग्लादेशियों को 10-10 साल , तीन को उम्रकैद और एक बांग्लादेशी को 11 साल जेल की सजा सुनाई.


अदालत ने इन बांग्लादेशियों को सजा पूरी होने के बाद देश से निष्कासित करने का भी आदेश दिया है.  डब्ल्यूएएम ने खबर दी, 'अदालत ने उन गवाहों को सुना जिन्होंने पुष्टि की कि आरोपी बांग्लादेश सरकार के फैसले के खिलाफ बड़ी संख्या में एकत्र हुए एवं यूएई की कई सड़कों पर विशाल जुलूस निकाला.'  


यूएई के अधिकारियों ने शनिवार को गिरफ्तार बांग्लादेशियों के खिलाफ जांच करने और उनके मामलों की सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया था.  यूएई में राजनीतिक दल या मजदूर संघ बनाने पर रोक है और वृहद तौर पर कानून अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बंदिशें लगाता है.  बांग्लादेश सरकार ने 1971 के मुक्तिसंग्राम में मुक्तिवाहिनी के सदस्यों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत तक आरक्षण का प्रावधान किया था जिसके खिलाफ कई दिनों तक दक्षिणी एशियाई देश में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद यूएई में भी विरोध प्रदर्शन हुए थे.


भारतीय छात्र लौटे थे स्वदेश


बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय ने रविवार को आरक्षण की सीमा को घटाकर सात प्रतिशत कर दिया जिसे प्रदर्शनकारियों की आंशिक जीत माना जा रहा है. बांग्लादेश में हिंसक झड़पों के बीच 4,500 से अधिक भारतीय छात्र स्वदेश लौट आए हैं.  इन झड़पों में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं. विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि नेपाल के 500, भूटान के 38 और मालदीव का एक छात्र भी भारत पहुंचा है. मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है.


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