यूएई के व्यापार मंत्री थानी बिन अहमद अल जायौदी ने कहा, “भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संबंध समझौतों से परे हैं... मुझे भारत के साथ हुए समझौते से बड़ा कोई समझौता नहीं दिखता.”  उन्होंने कहा, “भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) सबसे बड़ा समझौता है जिस पर हमने हस्ताक्षर किए हैं. जिस पर सहमति हुई है वह एक तकनीकी चर्चा है. अगर कुछ ऐसा है जिसे हमें संशोधित करना होगा तो हम इसे संशोधित करेंगे.” जायौदी ने कहा, “हम तीन मंत्रियों और बड़े व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों के साथ 12 मई से 15 मई तक भारत की यात्रा करेंगे. हम इस समझौते को कैसे लागू कर सकते हैं और इसका लाभ कैसे उठा सकते हैं इस पर बात करेंगे.”


'यूएई के साथ साझेदारी आर्थिक, रणनीतिक और भू-राजनीतिक'
वहीं केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “यूएई के साथ साझेदारी आर्थिक, रणनीतिक और भू-राजनीतिक है. हमें अपने लक्ष्यों को रीसेट करना चाहिए और एक व्यापक कैनवास की तलाश करनी चाहिए, जिसमें यह साझेदारी काम करे और संभवत: 2030 तक यूएई और भारत के बीच $250 बिलियन तक जा सके.”


फरवरी में हुआ था सीईपीए समझौता
इससे पहले इस साल फरवरी में भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए थे जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापारिक व्यापार को अगले पांच वर्षों में 100 बिलियन अमरीकी डॉलर तक बढ़ाना है. इस सौदे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के बीच वर्चुअल शिखर बैठक के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे.


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