नई दिल्ली: अप्रवासियों के अमेरिका में आने पर नियमों के सख्त होने के बाद दुनियाभर में हंगामा मचा हुआ है. कुछ ऐसे ही विरोध प्रदर्शनों की वजह से दुनियाभर में टैक्सी चलाने वाली कंपनी उबर के सीईओ ट्रैविस क्लानिक ने डॉनल्ड ट्रंप के बिजनेस एडवायज़री काउंसिल से इस्तीफा दे दिया है. दरअसल ट्रैविस की कंपनी उबर में ही उनके खिलाफ आलोचना शुरु हो गयी थी.


कंपनी को भेजे एक ईमेल में उबर के सीईओ ने कहा, ''बिजनेस एडवायजरी ग्रुप में शामिल होने का मतलब राष्ट्रपति या फिर उनके किसी एजेंडे का समर्थन नहीं है, लेकिन दुर्भाग्यवश इसे गलत ढंग से समझ लिया गया. कई रास्ते और भी हैं जिनकी मदद से हम इमीग्रेशन नीति में बदलाव की वकालत कर सकते हैं.''


ट्रैविस क्लानिक ने अपने ईमेल में लिखा, ''ट्रंप सरकार के आदेश से पूरे अमेरिका में मौजूद समुदायों के कई लोगों को परेशानी हो रही है, परिवारों को अलग होना पड़ रहा है, दूसरे देशों में लोग फंसे हुए हैं और ये डर बढ़ता जा रहा है कि अमेरिका अब वो जगह नहीं रही जहां अप्रवासियों का स्वागत किया जाता है.''


दरअसल ट्रैविस क्लानिक को इस बात के लिए अपने कर्मचारियों और देश के दूसरे लोगों से बड़ी आलोचना झेलनी पड़ रह थी. लोगों का कहना था कि उनकी कंपनी उबर अप्रवासियों के भरोसे ही दुनियाभर में चल रही है और वो ट्रंप की सलाहकार समिति में शामिल हैं जो एक तरह से ट्रंप की नीतियों का समर्थन है. इन्हीं आलोचनाओं को देखते हुए ट्रैविस क्लानिक ने अपने आप को ट्रंप की सलाहकार समिति से हटा लिया है.


ट्रंप सरकार ने सात मुस्लिम ईरान, इराक, लीबिया, सूडान, यमन, सीरिया और सोमालिया के नागरिकों के अमेरिका में आने पर कम से कम 90 दिनों तक का बैन लगा दिया है, जिसके बाद अमेरिका सहित पूरी दुनिया में ट्रंप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं