Monkeypox Virus: ब्रिटेन के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने रविवार को कहा कि ब्रिटेन दुर्लभ मंकीपॉक्स वायरस के दैनिक संक्रमण देख रहा है. ये पश्चिम अफ्रीका की किसी भी यात्रा से संबंधित है, जहां यह बीमारी स्थानिक है. शुक्रवार को 20 मामले दर्ज होने के बाद यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) ने कहा कि नए आंकड़े सोमवार को जारी किए जाएंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या ब्रिटेन में कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो रहा है, यूकेएचएसए की मुख्य चिकित्सा सलाहकार सुसान हॉपकिंस ने कहा, "बिल्कुल".
हॉपकिंस ने कहा, "हम ऐसे मामलों का पता लगा रहे हैं जिनका पश्चिम अफ्रीका के किसी व्यक्ति के साथ कोई संपर्क नहीं है." उन्होंने कहा, "हम दैनिक आधार पर मामलों का पता लगा रहे हैं." हॉपकिंस ने उन रिपोर्टों की पुष्टि करने से इनकार कर दिया कि एक व्यक्ति इंटेंसिव केयर में है.
उन्होंने कहा कि इसका प्रकोप शहरी क्षेत्रों में समलैंगिक या उभयलिंगी पुरुषों के बीच केंद्रित है. उन्होंने कहा, "सामान्य आबादी का जोखिम इस समय बहुत कम है और मुझे लगता है कि लोगों को इसके प्रति सतर्क रहने की जरूरत है." यूके में मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि 7 मई को हुई थी, मरीज ने हाल ही में नाइजीरिया की यात्रा की थी. यह बीमारी यूरोप और उत्तरी अमेरिका में भी फैल रही है.
क्या है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स एक चिकनपॉक्स की तरह का वायरस है लेकिन इसमें अलग तरह का वायरल संक्रमण होता है. ये सबसे पहले साल 1958 में कैद हुए एक बंदर में पाया गया था. साल 1970 में ये पहली बार ये किसी इंसान में पाया गया. ये वायरस मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के वर्षा वन इलाकों में पाया जाता है.
कैसे फैलता है इंफेक्शन
मंकीपॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के पास जाने या किसी तरह से उनके संपर्क में आने से फैल जाता है. ये वायरस मरीज के घाव से निकलते हुए आंख, नाक, कान और मुंह के जरिए शरीर में घुस जाता है. इसके अलावा बंदर, चूहे और गिलहरी जैसे जानवरों के काटने से भी इस वायरस के फैलने का डर बना रहता है. इसके अलावा ये वायरस यौन संपर्क के माध्यम से भी फैल सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि वो समलैंगिक लोगों से संबंधित कई मामलों की जांच भी कर रहा है. कहा जाता है कि ये वायरस चेचक की तुलना में कम घातक होता है.
क्या हैं इस इन्फेक्शन के लक्षण
मंकीपॉक्स में आमतौर पर बुखार, दाने और गांठ के जरिए ये शरीर में दस्तक देता है. इससे कई तरह की मेडिकल प्रॉब्लम्स हो सकती हैं. इस बीमारी से संबंधित लक्षण 2 से 4 सप्ताह तक दिखते हैं. कहते हैं कि ये अपने आप दूर होते चले जाते हैं. कई बार मामला गंभीर हो सकता है. हाल ही के समय में मृत्यु दर का आंकड़ा 3 से 6 फीसदी तक रहा है. ताजा मामलों में ब्रिटेन में ही 20 लोगों की मौत का आंकड़ा सामने आया था.
मंकीपॉक्स का इलाज कैसे किया जा सकता है?
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मंकीपॉक्स के लिए वर्तमान में कोई विशिष्ट उपचार की सिफारिश नहीं की गई है. चेचक के खिलाफ टीकाकरण रोग को रोकने में लगभग 85 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है. इसलिए, यह मंकीपॉक्स के गंभीर लक्षणों को रोकने के लिए बचपन में चेचक के टीकाकरण की सिफारिश करता है.