नई दिल्ली: ब्रिटिश पोल के अबतक के जो नतीजे आए हैं उसमें ब्रिटेन की पीएम टेरीज़ा मे को करारा झटका लगा है. उनकी पार्टी बहुमत का जादुई आंकड़ा नहीं छू पाई है. मे की कंजर्वेटिव पार्टी को कुल 318 सीटें मिली हैं. 650 सीटों वाली संसद में बहुमत के लिए 326 सीटें चाहिए होती हैं. उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, बावजूद इसके ब्रिटेन हंग पार्लियामेंट की ओर बढ़ गया है. विपक्ष के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने मे से इस्तीफे की मांग की है, साथ ही कहा है कि वे सरकार बनाने के लिए तैयार हैं. ध्यान देने वाली बात ये भी है कि अभी आखिरी नतीजे आने बाकी हैं.


स्पैन पोल्स के पहले सरकार चला रही कंजर्वेटिव पार्टी को मिली 318 सीटों के अलावा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी, जेरेमी कॉर्बिन की लेबर पार्टी को 261 सीटें मिली हैं. एक तरफ जहां कंजर्वेटिव पार्टी को 12 सीटों का नुकसान हुआ है तो वहीं लेबर पार्टी को 29 सीटों का फायदा मिला है. लिबरल डेमोक्रेट्स को 13 और एसएनपी (Scottish National Party) को 35 सीटें मिली है. इन आंकड़ों के मुताबिक लिबरल डेमोक्रेट्स को 5 सीटों का फायदा हुआ है तो वहीं एसएनपी को 21 सीटों का नुकसान हुआ है. सरकार बनाने के लिए 326 सीटें चाहिए होती हैं और ऊपर के आंकड़ों में आप देख सकते हैं कि ये संख्या किसी के पास नहीं है और इसी वजह से ब्रिटेन में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बन गई है.


टेरीजा ने 37,780 मतों के साथ अपनी मेडनहेड सीट पर चुनाव जीतने के बाद कहा, ‘‘इस समय देश को स्थिरता की आवश्यकता है. कंजर्वेटिव पार्टी सबसे अधिक मत हासिल करने की राह पर है और स्थिरता मुहैया कराना हमारा कर्तव्य होगा.’’ उन्होंने त्रिशंकु संसद संबंधी एग्जिट पोल की संभावनाओं को स्वीकार करने और बड़ी जीत हासिल करने की उनकी उम्मीदों के धराशायी होने की बात से सहमत होने का संकेत देते हुए कहा, ‘‘मेरा संकल्प वही है जो पहले था. परिणाम जो भी आए, कंजर्वेटिव पार्टी अब भी स्थिरता की पार्टी बनी रहेगी.’’


कोर्बेन ने भी 40,086 से अधिक मत हासिल कर लंदन की इस्लिंग्टन नॉर्थ सीट से चनुाव जीत लिया. उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति बदल गई है और लोग कह रहे हैं कि अब बहुत हो चुका...मुझे परिणाम पर गर्व है. प्रधानमंत्री ने चुनाव कराए क्योंकि वह जनादेश चाहती थीं और जनादेश यह है कि उन्होंने सीटें गंवा दी हैं.’’ कोर्बेन ने पहले भी ट्विटर पर दावा किया था कि लेबर पार्टी ने ‘ब्रिटिश राजनीति का चेहरा बदल दिया है.’


मे ने अचानक की थी स्नैप पोल्स (मध्यावधि) की घोषणा


बताते चलें कि ब्रेक्ज़िट रिफ्रेंडम में अपने मत की हार के बाद ब्रिटेन के तत्कालीन पीएम डेविन कैमरुन ने इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद मे को देश की कमान मिली थी. ब्रिटेन के पक्ष में कठोर नियमों के साथ ब्रेक्ज़िट की पक्षधर मे ने ओपिनियन पोल्स को आधार मानते हुए स्पैन पोल्स (मध्यावधी चुनाव) की घोषणा की जिसने पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया था. मे ने ये चुनाव इसलिए करवाए थे ताकि उनपर से चुने हुए पीएम ना होने का तमगा हट जाए और उनकी विश्वसनीयता में इज़ाफा हो जिससे वे ब्रेक्ज़िट से जुड़े कठोर फैसले ले सकें.


उनका ये दांव उल्टा पड़ा है और ब्रिटिश मीडिया के अनुसार परिणाम टेरीजा के लिए 'अपमानजनक' है. टेरीजा ने दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड की अपनी मेडनहेड सीट पर भले ही भारी मतों से जीत हासिल कर ली हो लेकिन संसद में बहुमत खोने के बाद उन पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है. ब्रेग्जिट को लेकर बातचीत 19 जून को शुरू होने वाली है, लेकिन दोनों बड़े राजनीतिक दलों के भाग्य के एक तरह से पलटने से इस बातचीत के कार्यक्रम को लेकर अनिश्चितता पैदा हो गई है.