(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UK Election 2024: ऋषि सुनक की संसदीय चुनाव में हार पक्की, टेलीग्राफ के सर्वे में बड़ा हुआ खुलासा, पढ़िए
UK Election 2024: ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक इस बार अपने संसदीय सीट पर चुनाव हार सकते हैं. एक सर्वेक्षण में इस बात का अनुमान लगाया गया है. इसके मुताबिक कंजर्वेटिव पार्टी काफी पीछे है.
UK Election 2024: ब्रिटेन में होने वाले आगामी संसदीय चुनाव में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के हारने का अनुमान जताया गया है. 4 जुलाई को 650 सदस्यीय हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए मतदान होना है. ऋषि सुनक यदि यह चुनाव हारते हैं तो वह अपनी संसदीय सीट हारने वाले पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री होंगे. टेलीग्राफ अखबार में प्रकाशित सवांता जनमत सर्वेक्षण के मुताबिक, 7 जून से लेकर 18 जून के बीच करीब 18 हजार लोगों के बीच सर्वे किया गया. सर्वे से पता चला है कि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को 650 सीटों में से महज 53 सीटें मिलने वाली हैं. दूसरी तरफ लेबर पार्टी को 516 सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है.
ब्रिटेन के ज्यादातर सर्वेक्षणों में कीर स्टारमर की लेबर पार्टी को वोट शेयर के मामले में सत्ता पर काबिज कंजर्वेटिव पार्टी से 20 फीसदी अंक आगे बताया गया है. टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, ऋषि सुनक अपनी संसदीय सीट उत्तरी इंग्लैंड को इस बार खो सकते हैं. संवाता ने बताया कि अभी करीबी मामला है और मुकाबला संतुलन में दिख रहा है. सावंता ने इस बार 100 से अधिक सीटों पर कम अंतर से जीत की भविष्यवाणी की है, इन सीटों पर कड़ा मुकाबला होने वाला है.
ईद-अल-अजहा के साथ चुनाव प्रचार शुरू
विपक्षी दल लेबर पार्टी ने सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवारों पर वोट पाने के लिए गलत तरीके से प्रचार करने का आरोप लगाया है. कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार की तरफ से लिखे गए उस पत्र को 'विभाजनकारी' बताया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि कंजर्वेटिव पार्टी की जीत पर वह कश्मीर मुद्दा ब्रिटिश संसद में उठाएंगे. इंग्लैंड के वेस्ट मिडलैंड्स क्षेत्र में डुडले से टोरी उम्मीदवार मार्को लोंगी ने अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत मुसलमानों को ईद-अल-अजहा की मुबारकबाद देने के साथ की.
मोदी के खिलाफ भरी जा रही नफरत
कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार की तरफ से जारी पत्र में मोदी के तीसरे कार्यकाल का भी जिक्र है. इसमें कहा गया है कि 'हाल ही में नरेंद्र मोदी की पार्टी भारत में सत्ता में आई है, जिसके बाद मोदी फिर प्रधानमंत्री बन गए हैं. इसका मतलब ये है कि आने वाले महीने कश्मीर के लोगों के लिए और कठिन होने वाले हैं. डुडले में ब्रिटिश पाकिस्तानी और कश्मीरी समुदाय के मतदाताओं को ध्यान में रखकर यह पत्र लिखा गया है.
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