ब्रिटेन के 'केन्ट' क्षेत्र में सबसे पहले मिला कोरोना वायरस का नया रूप चिंता का विषय बन गया है क्योंकि कोरोना महामारी से सुरक्षा के लिए तैयार की गई कोविड-19 वैक्सीन का असर इसके सामने फीका पड़ सकता है. ये दावा है यूके जेनेटिक सर्विलांस प्रोग्राम चीफ शेरोन पीकॉक का. उनका मानना है कि कोरोना का यह केन्ट वैरिएंट ब्रिटेन में फैल चुका है और इस बात की पूरी संभावना है कि यह पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लेगा.


कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर में 23 लाख 50 हजार लोगों की मौत हो गई जबकि करोड़ों लोगों के सामान्य जन-जीवन को प्रभावित किया है. लेकिन, कुछ नए कोरोना के वैरिएंट ने इस बात को लेकर एक बार फिर से चिंता बढ़ा दी है कि जो वैक्सीन तैयार की गई है, उसमें फिर से बदलाव किए जाए.


कोविड-19 जेनोमिक्स यूके कंसोर्टियम के डायरेक्टर शेरॉन पिकॉक ने कहा कि यूनाइटेड किंगडम में वैक्सीन वैरिएंट्स के खिलाफ असरदार थी, लेकिन इसके बदलते रूप से संभावित तौर पर टीके का असर कम कर सकता है.


गौरतब है कि ब्रिटेन के साथ ही दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में भी कोरोना के नए वैरिएंट सामने आए हैं. शेरॉन पिकॉक का कहना है कि ब्रिटिश वैरिएंट ज्यादा संक्रमणकारी है लेकिन यह जरूरी नहीं है कि अन्य के मुकाबले यह ज्यादा खतरनाक हो. लेकिन यह दुनियाभर में फैल जाएगा.


उन्होंने कहा, "जब हम काफी संख्या में इस वायरस से संक्रमित हो चुके होंगे या फिर ये खुद ही अपना रूप बदल लेगा उसके बाद हम इसके बारे में चिंता करना रोक सकते हैं. लेकिन, मैं यह सोचता हूं कि भविष्य को देखते हुए इसके लिए वर्षों लग जाएंगे. इसमें दस साल लग सकते हैं."


ये भी पढ़ें: कोरोना के नए स्ट्रेन की चुनौतियों के बीच ब्रिटेन ने कोविड-19 सेल्फ टेस्ट किट को दी मंजूरी