King Charles III Coronation: 70 साल बाद ब्रिटेन को मिलेगा नया राजा, एक हजार करोड़ खर्च का अनुमान, सोने की बग्घी से सिंहासन तक हर चीज खुद में कहानी
King Charles III: क्वीन एलिजाबेथ II के निधन के बाद किंग चार्ल्स की ताजपोशी की जाएगी. लंदन के वेस्टमिंस्टर एबे में होने वाले ताजपोशी समारोह में दुनिया भर से कुल 2000 मेहमानों को बुलाया गया है.
King Charles III Coronation: ब्रिटेन (Britain) के नए महाराज चार्ल्स III की शनिवार (6 मई) को वेस्टमिंस्टर एबे में ताजपोशी की जाएगी. इसके लिए पूरा ब्रिटेन तैयार है. 70 साल बाद ब्रिटेन को नया राजा मिलने जा रहा है. आज किंग चार्ल्स तृतीय की ताजपोशी होने जा रही है. नए राजा के इस राज्याभिषेक के लिए बेहद खास तैयारियां की गई हैं. दुनिया के कोने-कोने से मेहमान शिरकत करने पहुंच रहे हैं. ताजपोशी पर करीब एक हजार करोड़ के खर्च का अनुमान है. किंग चार्ल्स तृतीय की कपड़ों से लेकर सोने के रंग में सजी बग्घी तक और ताजपोशी के सिंहासन से लेकर राजा के मुकुट तक हर चीज खुद में कहानी समेटे हुए है.
ब्रिटेन (Britain) के नए महाराज चार्ल्स III के राज्याभिषेक समारोह को लोग टीवी, मोबाइल और कंप्यूटर पर देख सकेंगे. इस समारोह को आयोजित करने में पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है. इस समारोह के आयोजन में लगभग 2500 करोड़ का खर्च आ रहा है. इस समारोह में भाग लेने के लिए दुनिया भर के 14 देशों के सम्राट को बुलाया जा रहा है.
राज्याभिषेक के समारोह का सिक्रेट नाम
महाराज चार्ल्स III के राज्याभिषेक के समारोह का सीक्रेट नाम ऑपरेशन गोल्डन ऑर्ब रखा गया है. शाही समारोह स्थानीय समयानुसार सुबह 11 से शुरू होगी. इस समारोह का आयोजन ब्रिटेन के पुरान परंपरा के अनुसार किया जाएगा, जो पिछले 900 सालों से चला आ रहा है. महाराज चार्ल्स III ब्रिटेन के इतिहास के 40 वें सम्राट बनेंगे. ब्रिटने के महाराज चार्ल्स III 86 साल के बाद उस गद्दी पर बैठने जा रहें हैं, जिस पर उनके नाना जॉर्ज छठे ताजपोशी के वक्त बैठे थे. वहीं भारत के तरफ से किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक में भाग लेने के लिए उपराष्ट्रपति धनखड़ पहुंचे हैं. इस वक्त ब्रिटेन भारत के बाद दुनिया की छठी बड़ी इकॉनमी है. वहां के प्रधानमंत्री भी भारतीय मूल के ऋषि सुनक है.
ब्रिटेन के इतिहास में ताजपोशी की परंपरा
ब्रिटेन के इतिहास में ताजपोशी की परंपरा पिछले 900 सालों से चली आ रही है. इसे पहले महारानी एलिजाबेथ II की ताजपोशी 2 जून 1953 को वेस्टमिंस्टर एबे में हुई थी. उस वक्त किंग चार्ल्स की उम्र मात्र 4 साल थी. एलिजाबेथ II की ताजपोशी में भाग लेने के लिए 8000 मेहमान आए थे. इसके अलावा लाखों लोगों ने टीवी के माध्यम से कार्यक्रम को देखा था.
समारोह को आयोजन करने में 16 करोड़ का खर्च आया था. 70 देशों के प्रतिनिधियों ने समारोह में भाग लिया था. उस वक्त UK दुनिया की तीसरी बड़ी इकॉनमी थी. भारत के तरफ से तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने शिरकत की थी.
किंग चार्ल्स III की संपत्ति
किंग चार्ल्स III की अगर संपत्ति भी के आंकड़े करोड़ो में है. उनकी निजी संपत्ति 18,375 करोड़ है. क्राउन एस्टेट में लगभग 1.60 लाख करोड़ रु. है. उनके पास रॉयल क्राउन ज्वेलरी भी है, जिनकी कीमत 59,247 करोड़ है. उनकी खुद की ज्वेलरी कलेक्शन की कुल कीमत 5,441 करोड़ रु. है. किंग चार्ल्स III की ताजपोशी के लिए खास प्रकार के कपड़े तैयार किए गए है.
उनके पोशक में 2 KG का गोल्ड स्लीव्ड कोट शामिल है, जिसे सुपरट्यूनिका भी कहा जाता है. ये कोट 112 साल पुराना है. इसे महारानी एलिजाबेथ ने भी पहना था. इसके साथ एक 86 साल पुरानी स्वोर्ड बेल्ट भी है और व्हाइट लेदर से बनी ग्लव है. किंग चार्ल्स III ताजपोशी समारोह के अंत में पर्पल रंग की पोशाक भी पहनेंगे. ब्रिटने के महाराज चार्ल्स III सोने से बनी शाही बग्घी में बैठेंगे, जिसे डायमंड जुबली स्टेट कोच कहते है. वहीं किंग चार्ल्स III ताजपोशी की कुर्सी से उठकर सिंहासन पर बैठेंगे.