UK Baby With Three DNA: यूके में पहली बार वैज्ञानिक तरीके का इस्तेमाल करके तीन लोगों के डीएनए से तैयार किया गया पहला बच्चा पैदा हुआ है. इस बात की जानकारी बीबीसी ने दी. इस प्रोसेस में 99.8% डीएनए दो माता-पिता से आता है और बाकि को जन्म देने वाली महिला का होता है. 


बच्चा पैदा करने की नए तकनीक के मदद से डॉक्टर माइटोकॉन्ड्रियल बीमारियों के साथ पैदा होने वाले बच्चों को रोकना चाहते हैं. माइटोकॉन्ड्रियल बीमारी एक घातक बीमारी मानी जाती है.


माइटोकॉन्ड्रियल बीमारी रोकने में कारगर
माइटोकॉन्ड्रियल बीमारी होने से रोकने के लिए एक हेल्दी फीमेल डोनर के अंडों के स्कीन की मदद से एम्ब्रियो को तैयार किया जाता है, जो हानिकारक बीमारी को पैदा होने के लक्षण को शुरू में ही कम कर देता है. इसके बाद जो बच्चा इस तकनीक की मदद से पैदा होता है, वो बीमारी मुक्त पैदा होता है. ये मां से बच्चे को पास हो जाता है. डॉक्टरों का मानना है कि माइटोकॉन्ड्रियल बीमारी लाइलाज होता है.


ये बच्चे के पैदा होने के  कुछ दिनों या घंटों के भीतर घातक हो साबित हो सकते है. इसके लिए मां के एम्ब्रियो को ही हेल्दी बनाकर माइटोकॉन्ड्रियल बीमारी को रोकने में मदद मिलती है. इस तरह की तकनीक IVF का एक एडवांस तरीका है, जिसमें एक हेल्दी अंडे से माइटोकॉन्ड्रिया का इस्तेमाल किया जाता है.
 
जन्म से जुड़ी जानकारी नहीं जारी की
इंग्लैंड के उत्तर-पूर्व में न्यूकैसल के क्लिनिक में डॉक्टरों ने MDT कार्यक्रम से जन्म से जुड़ी जानकारी नहीं जारी किया है, जहां सफल बच्चे का जन्म हुआ था. ब्रिटेन की सफलता में भाग लेने वाले ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में जन्म देने वाले विभाग के एक प्रोफेसर डेगन वेल्स ने द गार्जियन को बताया कि एमआरटी के साथ अनुभव उत्साहजनक था.


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