लंदन. चीन में उइगर मुसलमानों के साथ किस तरह का बर्ताव और अत्याचार वहां की शी जिनपिंग सरकार की तरफ से किया जा रहा है ये बात किसी से छिपी हुई नहीं है और लगातार इसको लेकर वैश्विक समुदायों की तरफ से आवाज भी उठ रही है. अब उइगर मुसलानों के अत्याचार का मामला ब्रिटेन में उठा है.


सासदों के एक प्रभावशाली समूह ने गुरूवार को कहा कि ब्रिटिश सरकार को बीजिंग में 2022 के शीतकालीन ओलंपिक खेलों का राजनीतिक बहिष्कार करने का समर्थन करना चाहिए, ताकि चीनी सरकार पर उत्तर-पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में उइगुर मुसलमानों और अन्य जातीय समूहों के ‘‘नरसंहार’’ को लेकर दबाव बनाया जा सकें.


कंजर्वेटिव सांसद टॉम टगेंधाट के नेतृत्व वाली विदेश मामलों की समिति ने एक रिपोर्ट में कहा कि शिनजियांग में हो रहे ‘‘अत्याचार गहन तात्कालिकता के अंतरराष्ट्रीय संकट को दिखाते हैं जिससे किसी भी सभ्य सरकार के लिए इससे मुंह मोड़ना नितांत अनुचित है.’’ उन्होंने कहा है कि चीन के शिनिजियांग प्रांत में उइगरों मुसलमानों का नरसंहार ऐसा ऐसा शर्मनाक कृत्य है, जिस पर दुनियाभर के सभी देशों को बेहद गंभीरता से एक्शन लेना चाहिए और चीन पर इसको लेकर दबाव बनाना चाहिए.


टॉम टगेंधाट ने कहा कि चीन का पांच हजार साल का एक सभ्य संस्कृति का इतिहास है और इस पर उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों का नरसंहार एक काला धब्बा है. उन्होंने आगे कहा कि ये एहसास चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को उसके 100 साल पूरे होने पर जरूर कराया जाना चाहिए.


उइगर अत्याचार पर पीएम इमरान खान ने दिया बयान


इससे पहले, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि बीजिंग के साथ इस्लामाबाद की ‘बेहद निकटता और करीबी संबंध’ की वजह से पाकिस्तान चीन में उइगर मुस्लिम के साथ व्यवहार संबंधी आरोपों पर ‘चीन के बयानों’ को स्वीकार करता है. चीन के अशांत प्रांत शिनजियांग में उइगर एक अल्पसंख्यक मुस्लिम जातीय समुदाय है. अमेरिका और यूरोपीय संघ समेत कई अन्य देशों ने चीन पर संसाधन संपन्न शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ दमन और नरसंहार का आरोप लगाते हुए मानवाधिकार समूहों द्वारा अंतरराष्ट्रीय जांच किए जाने की मांग की है.


चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने के मौके पर चीन के पत्रकारों से बात करते हुए खान ने कहा कि वह उइगर मुस्लिम मुद्दे पर चीन के उस बयान को स्वीकार करते हैं कि पश्चिमी मीडिया इस मुद्दे को बिल्कुल अलग तरह से प्रस्तुत कर रहा है. डॉन समाचार पत्र ने खान को यह कहते हुए उद्धृत किया, ‘‘चीन के साथ हमारे करीबी संबंधों की वजह से हम वास्तव में चीन के बयानों को स्वीकार करते हैं.’’


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