Rishi Sunak: 2015 में पहली बार सांसद बने और 7 साल के भीतर ब्रिटेन के PM, जानिए कैसा रहा ऋषि सुनक का पॉलिटिकल करियर
UK PM Rishi Sunak: ब्रिटेन की सियासत में अचानक से हुए फेर बदल में जहां लिज ट्रस मात्र 45 दिन की पीएम रहीं, वहीं मात्र सात साल में भारतवंशी ऋषि सुनक ने सांसद से पीएम तक का सफर तय कर इतिहास रचा.
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UK PM Rishi Sunak: ब्रिटेन में तेजी से बदले सियासी घटनाक्र में कई नई इबारतें लिखी गईं. एक तरफ बोरिस जॉनसन के पीएम पद छोड़ने के बाद चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बनीं लिज ट्रस आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे ब्रिटेन को निजात दिलाने की बजाय मिनी बजट को लेकर विवादों में आ गईं और मात्र 45 दिनों में ही पीएम पद से इस्तीफा दे दिया. ट्रस का कार्यकाल ब्रिटेन में किसी भी प्रधानमंत्री के कार्यकाल में सबसे कम समय का दर्ज हो गया.
उसके बाद दिवाली के दिन, यानी सोमवार 24 अक्टूबर 2022 को ब्रिटेन में सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी का निर्विरोध नया नेता चुने जाने के बाद ऋषि सुनक ने मंगलवार को भारतीय मूल का प्रथम ब्रिटिश प्रधानमंत्री बन इतिहास रच दिया है. साल 2015 में पहली बार वे सांसद चुने गए और मात्र सात साल में अब वे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री हैं.
सुनक का 2015 से 2022 तक का सियासी सफर
2015 : ऋषि सुनक को रिचमॉन्ड, यॉर्कशायर का सांसद चुना गया.
2016 : सुनक ने ‘ब्रेक्जिट’ के पक्ष में अभियान चलाया. उनके इस कदम ने आने वाले वर्षों में टोरी पार्टी में उनका क्रमिक रूप से प्रभाव बढ़ाया.
2018 : तत्कालीन प्रधानमंत्री टेरेजा मे के तहत, सुनक को पहली बार मंत्री बनाया गया और उन्हें आवास, समुदाय एवं स्थानीय शासन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई.
जुलाई 2019 : सुनक ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद के लिए बोरिस जॉनसन का समर्थन किया और उन्हें इसका पुरस्कार तत्कालीन चांसलर साजिद जावेद के तहत मंत्री के तौर पर नियुक्ति के रूप में मिला.
फरवरी 2020 : ब्रिटिश चांसलर और तत्कालीन प्रधानमंत्री के बीच सत्ता की रस्साकशी को लेकर जावेद के इस्तीफा देने के बाद बोरिस जॉनसन ने सुनक को चांसलर के रूप में पदोन्नत किया.
अप्रैल 2020 : कोविड-19 महामारी के कारण मार्च 2020 में ब्रिटेन में पूर्ण लॉकडाउन लगने के बाद, सुनक द्वारा काफी संख्या में नौकरियां बचाने और कारोबार को राहत प्रदान करने वाले उपाय किये जाने को लेकर उनकी सराहना की गई.
2021 : पार्टीगेट प्रकरण के कारण जॉनसन के प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के लिए समस्याएं पेश आने के बाद उनके उत्तराधिकारी के रूप में सबसे पसंदीदा नेता के तौर पर सुनक का नाम उभर कर सामने आया था. हालांकि, भारतीय मूल के चांसलर ने उस वक्त मिली जिम्मेदारियों पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया.
फरवरी 2022 : ब्रिटेन के चांसलर सुनक ने स्वीकार किया कि वह डाउनिंग स्ट्रीट स्थित मंत्रिमंडल कक्ष में जॉनसन के जन्मदिन के कार्यक्रम में उपस्थित थे. यह कार्यक्रम लॉकडाउन के तहत लागू नियमों का उल्लंघन था.
अप्रैल 2022 : अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति को इंफोसिस कंपनी से हुई अपनी आय पर ब्रिटेन में कथित तौर पर टैक्स नहीं देने को लेकर वह और सुनक मीडिया की सुर्खियों में रहे.
जुलाई 2022 : ऋषि सुनक ने चांसलर के पद से इस्तीफा दे दिया.
आठ जुलाई : सुनक ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री के तौर पर जॉनसन की जगह लेने के लिए अपनी दावेदारी पेश की.
20 जुलाई : ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद की प्रतिस्पर्धा के अंतिम चरण में लिज ट्रस से मुकाबला करने के लिए सुनक 137 वोट के साथ कंजरवेटिव पार्टी में सबसे आगे निकल गए.
30 अगस्त : सुनक खेमे ने ट्रस पर जांच से बचने का आरोप लगाया.
एक सितंबर : सुनक ने चुनाव प्रचार से जुड़े अंतिम कार्यक्रम में अपने माता-पिता तथा पत्नी अक्षता मूर्ति का, उनके सहयोग के लिए आभार जताया.
पांच सितंबर : ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री बनने के लिए कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में लिज ट्रस ने सुनक को हराया.
14 अक्टूबर : ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने शेयर बाजार में घबराहट के माहौल के बीच चांसलर पद से क्वासी क्वार्तेंग को बर्खास्त किया.
20 अक्टूबर: ट्रस ने प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के महज छह हफ्ते बाद, एक खुली बगावत का सामना करने के बीच इस्तीफा दे दिया.
24 अक्टूबर : दिवाली के दिन पेनी मॉर्डंट के दौड़ से हटने की घोषणा के बाद सुनक को कंजरवेटिव पार्टी का निर्विरोध नेता चुन लिया गया.
25 अक्टूबर : ऋषि सुनक को महाराजा चार्ल्स तृतीय ने भारतीय मूल का पहला ब्रिटिश प्रधानमंत्री नियुक्त किया.
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