Rishi Sunak Reveals Wife Share Detail: ब्रिटेन (Britain) के मंत्रिमंडल कार्यालय ने बुधवार (19 अप्रैल) को प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) के मंत्रिस्तरीय हितों के बारे में जानकारी साझा की है. इस जानकारी में उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति की एक चाइल्ड केयर एजेंसी में हिस्सेदारी का खुलासा किया गया है. इस एजेंसी को पिछले महीने बजट में घोषित एक नीति से लाभ मिल सकता है.


इस सूची का पब्लिकेशन पिछले हफ्ते ब्रिटेन के संसदीय आयुक्त की तरफ से निगरानी जांच शुरू किए जाने के बाद हुआ है. इस संसदीय जांच से यह तय किया जाएगा कि ऋषि सुनक ने आचार संहिता के तहत निर्धारित दायित्वों का खुलकर और स्पष्ट रूप से पालन किया है या नहीं.


अक्षता मूर्ति के पास है यूके लिमिटेड का मालिकाना हक
ऑनलाइन प्रकाशित मंत्रियों के शेयर की सूची से सुनक ने अपनी पत्नी के शेयरों के बारे में खुलासा किया है. इसके मुताबिक प्रधानमंत्री की पत्नी एक उद्यम पूंजी निवेशक हैं. उनके पास उद्यम पूंजी निवेश फर्म कैटमरान वेंचर्स यूके लिमिटेड का मालिकाना हक है और कई अन्य कंपनियों में भी उनकी शेयर में हिस्सेदारी है.


इसके मुताबिक ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने चार अप्रैल, 2023 को संसद की संपर्क समिति के प्रमुख को लिखे अपने पत्र में भी अक्षता मूर्ति की कोरु किड्स में छोटी सी हिस्सेदारी होने की जानकारी दी थी.


अक्षता मूर्ति कोरू किड्स के शेयरधारक के तौर पर पंजीकृत
डाउनिंग स्ट्रीट के सूत्रों ने कहा कि संसदीय निगरानी जांच कोरू किड्स लिमिटेड में अक्षता के हितों से जुड़ी हुई है. ऐसा माना जा रहा है कि पिछले महीने पेश बजट में घोषित एक नई पायलट योजना के तहत इस कंपनी को लाभ हो सकता है.


दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति कोरू किड्स के शेयरधारक के तौर पर पंजीकृत हैं. विपक्ष पिछले महीने इस तथ्य को सामने लेकर आया था और इस बारे में प्रधानमंत्री से सफाई मांगी गई थी.


पिता के कंपनी में 0.9 फीसदी की मालकिन 
सुनक की पत्नी भारतीय आईटी दिग्गज इन्फोसिस के संस्थापकों में से एक की बेटी हैं. इसके साथ ही सोमवार (17 अप्रैल) को शेयर की कीमत के आधार पर लगभग 600 मिलियन डॉलर मूल्य की कंपनी में लगभग 0.9 फीसदी की मालकिन हैं.


बता दें कि जांच में अगर सुनक दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें माफी मांगनी पड़ सकती है. इसके साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. ऐसे में संभव है कि एक समिति उनके खिलाफ एक्शन लेते हुए उन्हें सदन से निलंबित या निष्कासित कर दे.


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