UK politics: ब्रिटेन की राजनीति में काफी उथल-पुथल मचा हुआ है. एक महीने पहले ब्रिटेन की प्रधानमंत्री चुनी गईं लिज ट्रस की कुर्सी खतरे में पड़ती दिखाई दे रही है, जिसकी वजह ये है कि उन्होंने अपने करीबी दोस्त और भरोसेमंद सहयोगी, वित्तमंत्री क्वासी क्वार्टेंग को बर्खास्त कर दिया है, जो चांसलर के रूप में अपनी आर्थिक नीतियों को लागू कर रहे थे. ट्रस के इस फैसले की वजह से गवर्निंग कंजरवेटिव पार्टी के भीतर ही विद्रोही आवाजें उठनी शुरू हो गई हैं. ऐसे में एक बार फिर से ऋषि सुनक की 10 डाउनिंग स्ट्रीट के लिए वापसी की अटकलें तेज हो गई हैं और सट्टेबाजों ने सत्ता के उलटफेर की स्थिति में सुनक के नाम को सबसे आगे दिखाया है.
ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक लिज ट्रस सत्ता पर अपनी पकड़ खोना नहीं चाहती हैं और यही वजह है कि उन्होंने कॉरपोरेशन टैक्स में कटौती की अपनी योजनाओं को भी बदल दिया है. इस बीच खबर मिल रही है कि सीनियर कंजर्वेटिव एमपी इस ताक में बैठे हैं कि अब ट्रस को पीएम की कुर्सी से कैसे भी हटा दिया जाए.
ब्रिटेन का सट्टा बाजार गरमाया
ब्रिटेन में मचे उथल-पुथल और ताजा सियासी घटनाक्रमों के बाद सट्टा का बाजार भी गरमा गया है. चर्चाएं तेज हो गई हैं कि यूके में फिर से भारतीय मूल के 42 वर्षीय ऋषि सुनक की सरकार में वापसी होने वाली है. सट्टेबाजों के एग्रीगेटर ऑड्सचेकर ने सुनक को 47 वर्षीय ट्रस को बदलने के लिए पसंदीदा चेहरे के तौर पर आगे दिखाया है. अब वह सिर्फ इतना कहता है कि 'ऐसा होना जरूरी नहीं था.'
लिज ट्रस अपने वादों को ही पलट रहीं हैं
समाचार एजेंसी द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ सांसद चाहते हैं कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री के इस्तीफे को लेकर आम लोगों के बीच जाना चाहिए. जिन वादों के दम पर लिज ट्रस चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बनीं, अब वे उन्हीं वादों को पलट रही हैं. आरोप लगाए जा रहे थे कि क्वासी की वजह से देश में आर्थिक अस्थिरता बढ़ रही है. उन्होंने जो मिनी बजट पेश किया है, उसमें टैक्स कटौती की वजह से पाउंड में गिरावट देखी गई. साथ ही सरकारी ऋण ब्याज दरों में वृद्धि हुई.
अब सवाल ये उठता है कि अगर प्रधानमंत्री लिज ट्रस की कुर्सी जाती है तो नए ब्रिटिश पीएम की रेस में कौन आगे होगा. दिलचस्प बात यह है कि इस रेस में भारतीय मूल के ऋषि सुनक की वापसी की भी संभावनाएं बन रही हैं जिन्हें चुनाव में लिज ट्रस से हार मिली थी.
सुनक ने पहले ही आगाह किया था
हालांकि, सरकार के टैक्स कटौती के फैसले के बाद सुनक ने मौन धारण कर रखा है और वे इस सप्ताह लंदन के एक होटल में दो पूर्व-निर्धारित पार्टियों की मेजबानी की है और अपनी रेडी फॉर ऋषि नेतृत्व अभियान टीम और यूके ट्रेजरी के अधिकारियों को धन्यवाद दिया है. कहा जा रहा है कि ऋषि सुनक ने पहले ही अपने प्रतिद्वंद्वी (लिज ट्रस) की टैक्स कटौती नीतियों को लेकर आगाह किया था. 'द संडे टाइम्स' के हवाले से सुनक के एक दोस्त ने कहा कि "उनका दृष्टिकोण अलग है, उनकी चुप्पी के मायने हैं. सुनक हालात को भांप रहे थे.
सुनक ने वित्त मंत्री पद से दिया था इस्तीफा
अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, ब्रिटेन में जन्मे भारतीय मूल के राजनेता, जो अपने संसदीय सहयोगियों के बीच स्पष्ट रूप से सबसे आगे होने के बाद भी टोरी सदस्यता वोट में ट्रस से हार गए थे, अभी भी सुनक को सबकी पसंद के रूप में भी नहीं देखा जा रहा है. क्योंकि पहले वे पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के खेमे के कट्टर समर्थक रहे हैं. बाद में उन्होंने जॉनसन के खिलाफ बगावत की थी और वित्त मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. अब उन्हें ट्रस के खिलाफ साजिश रचने के किसी भी आरोप से पूरी तरह से दूर हैं क्योंकि वह आजकल अपने निर्वाचन क्षेत्र में समय बिताते हैं.
सुनक के अलावा इन नामों की हो रही चर्चा
सुनक के अलावा पेनी मोर्डौंट, जो पीएम पद के चुनाव में तीसरे स्थान पर थीं उनका नाम भी सामने आ रहा है. वे फिलहाल ट्रस कैबिनेट में हाउस ऑफ कॉमन्स के नेता के रूप में कार्य कर रही हैं.
अगर ट्रस पद छोड़ने के लिए राजी हो जाती हैं तो यूके के रक्षा सचिव बेन वालेस को पीएम पद के नए उम्मीदवार के रूप में एक मजबूत दावेदार माना जाता है. इस बीच, जॉनसन द्वारा अपनी संभावित वापसी की कोशिश करने की संभावना से इंकार नहीं किया गया है.
रविवार को, नए चांसलर, जेरेमी हंट ने अपनी पार्टी से ट्रस के पीछे एकजुट होने का आग्रह किया क्योंकि "आखिरी चीज जो लोग वास्तव में चाहते हैं" नेता का एक और बदलाव है. हंट ने कहा, "उसने सुना है, वह बदल गई है, वह राजनीति में उसकी कर-कटौती योजनाओं के बारे में सबसे कठिन काम करने के लिए तैयार है, जो कि व्यवहार को बदलना है."
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