लंदन: ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने समय से पहले आठ जून को आम चुनाव कराने का आह्वान किया. टेरीजा मे ने चौंकाने वाली घोषणा ऐसे समय की है जब ब्रिटेन यूरोपीय संघ छोड़ने को लेकर वार्ता की तैयारी कर रहा है.
मे ने कहा, ‘‘हमें आम चुनाव की जरूरत है और हमें वह अभी ही चाहिए. हमें यह करने के लिए एक मौका है वह भी विस्तृत वार्ता शुरू होने से पहले.’’
यूरोपीय यूनियन से अलग हो गया था ब्रिटेन
ब्रिटेन की जनता ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए यूरोपियन यूनियन से अलग होने पर मुहर लगा दी थी. जनमत संग्रह में ब्रिटेन के 52 फीसदी लोगों ने लीव यानि की यूरोपियन यूनियन छोड़ने के पक्ष में वोट दिया था और 48 फीसदी लोगों ने रिमेन यानि कि यूरोपियन यूनियन के साथ रहने के पक्ष में वोट दिया था.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन चाहते थे कि ब्रिटेन यूरोपियन यूनियन के साथ रहें. लेकिन जनता ने इसके उलट फैसला दिया था. 2008 की वैश्विक मंदी के बाद से ब्रिटेन में लगातार यूरोपियन यूनियन से अलग होने की मांग उठ रही थी. 2015 के आम चुनाव में डेविड कैमरन की जीत की बड़ी वजह यही थी कि उन्होंने वादा किया था कि सत्ता फिर मिलने पर वो जनमत संग्रह कराएंगे.
ब्रिटेन ने इस जनमत संग्रह के जरिये 43 वर्षो बाद ईयू की सदस्यता से हटने के पक्ष में वोट किया था. जनमत संग्रह में 71.8 प्रतिशत मतदान हुआ. यह 1992 के बाद से ब्रिटेन में हुआ सर्वाधिक मतदान था.
जनमत संग्रह के नतीजों के बाद से देश की मुद्रा पाउंड, डॉलर के मुकाबले 1985 के बाद के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थी. वेल्स और लंदन के बाहर इंग्लैंड के अधिकांश मतदाताओं ने ‘ब्रेक्सिट’ के पक्ष में वोट दिया था.
लंदन और स्कॉटलैंड ने ईयू में बने रहने के लिए मतदान किया था. ईयू के गठन के बाद इससे बाहर निकलने वाले देशों में ब्रिटेन पहला देश है.