UK Special forces on War crimes: अफगानिस्तान में तैनात ब्रिटिश विशेष बलों ने साल 2010 से 2013 तक बिना सुनवाई किए कई नागरिकों को मौत के घाट उतारा. इतना ही नहीं इन विशेष बलों पर इन हत्याओं को छिपाने के भी आरोप लगे हैं. एक रिपोर्ट पेश की गई है, जिसमें एक एक युद्ध अपराधों और काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा खोल दिया है.
बुधवार (8 जनवरी, 2025) को सबूतों की रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें सैकड़ों दस्तावेज थे. इस रिपोर्ट में साल 2010 से 2013 के बीच अफगानिस्तान में काम करने वाले विशेष बल के सैनिकों की ओर से किए गए दुर्व्यवहार और हत्याओं के बारे में बताया है. यूके के रक्षा मंत्रालय ने साल 2022 में इसकी इंक्वायरी शुरू की. इसी इंक्वायरी के तहत युद्ध अपराधों की जांच जारी है. इसके तहत ये पता चला कि ब्रिटिश सेना की विशेष वायु सेवा (SAS) को एक अधिकारी ने गोल्डन पास कहा. इसके तहत वे लोगों को जान से भी मार देते और इससे बचकर भी निकल जाते.
स्पेशल फोर्सेस के सात कर्मचारियों ने दी गवाही
इस अफगानिस्तान इंक्वायरी की जांच में यूनाइटेड किंगडम स्पेशल फोर्सेस के सात कर्मचारियों ने गवाही दी है. सुरक्षा के चलते उनके नाम गुप्त रखे गए हैं. सैनिकों की ओर से दी गई गवाही में बताया गया कि इन हत्याओं के कुछ पीड़ित 16 वर्ष से कम उम्र के थे. कर्मियों की गवाही के मुताबिक, सैनिकों ने निहत्थे अफगानों की हत्या की, जिनमें ऐसे व्यक्ति भी शामिल थे, जिनसे किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं था.
16 साल के कम उम्र के थे कुछ पीड़ित
गवाही के दौरान एन1799 के रूप में नाम दिए गए एक सैनिक ने बताया कि लड़ाई करने की उम्र के सभी पुरुषों को टारगेट करके मारा गया. भले ही उनसे कोई खतरा न हुआ हो, लेकिन उनको मारा गया. सैनिक ने ये भी बताया कि बंदियों को कैंपस में मार दिया जाता था. उनके मुंह पर तकिया रख के गोली मारी जाती थी.
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