Vaccine Research Centre: कोविड जैसी महामारी का खात्मा करेगी ये 'सुपर लैब', महज 100 दिन में मिलेगी वैक्सीन!
UK Vaccine Research Centre: ब्रिटेन में कोरोना जैसे वायरसों से बचने के लिए एक नई रिसर्च फैसिलिटी तैयार की गई है. इसे सुपर लैब भी कहा जा रहा है.
UK Super Lab: दुनिया ने कोविड महामारी की वजह से हुई तबाही को बखूबी देखा है. किस तरह दुनियाभर में लोगों ने इस वायरस के चलते तड़प-तड़प कर जान गंवाई. ऐसा दोबारा ना हो, ये सुनिश्चित करने के लिए दुनिया के कई मुल्कों में रिसर्च फैसिलिटी तैयार हो रही है. ऐसी ही एक 'सुपर लैब' ब्रिटेन में शुरू हुई है, जो किसी भी महामारी के लिए 100 दिनों में वैक्सीन तैयार कर देगी.
वैज्ञानिकों को डर है कि आने वाले वक्त में कोरोनावायरस से ज्यादा खतरनाक वायरस दुनिया में तबाही ला सकता है. इससे बचने के लिए ब्रिटेन के सेलिसबरी शहर में 'वैक्सीन डेवलपमेंट एंड इवैल्यूएशन सेंटर' को खोला गया है. ये सुपर लैब हाई सिक्योरिटी वाले पोर्टन डाउन मिलिट्री साइंस फैसिलिटी में है. यहां कई तरह के वायरस पर टेस्ट होना है, इसलिए सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा गया है.
खतरनाक वायरस के ऊपर होगी रिसर्च
ब्रिटेन की हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी का कहना है कि यहां जल्द ही किसी भी खतरनाक वायरस के लिए 100 दिनों के भीतर वैक्सीन तैयार होने लगेगी. इस लैब को इसलिए भी खास माना जा रहा है, क्योंकि ये दुनिया की कुछ चुनिंदा जगहों में से एक है, जहां खतरनाक वायरस के ऊपर रिसर्च किया जाएगा. ब्रिटिश कैबिनेट ने कहा है कि अगले पांच साल में अगली महामारी आने के 5 से 25 फीसदी चांस हैं.
हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी की चीफ डेम जेनी हैरीज का कहना है कि हमें किसी बीमारी के महामारी बनने से पहले उसे रोकने के लिए तैयार होने की जरूरत है. अगर कोई खतरनाक महामारी आती है, तो कम से कम हमारे पास ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए, जहां हम तेजी से कार्रवाई कर उसे तबाही मचाने से रोक सकें. ब्रिटेन में कोरोना ने किस तरह तबाही मचाई थी, ये सबने देखा था.
किन वजहों से आ सकती है अगली महामारी?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि अगली महामारी बैक्टीरिया, वायरस या फंगस की वजह से आ सकती है. WHO की डेंजर लिस्ट में इबोला, जीका, लस्सा बुखार और निपाह वायरस जैसी बीमारियां शामिल हैं. अभी इनकी काट ढूंढने का काम चल रहा है. ब्रिटेन की इस सुपर लैब को 650 करोड़ रुपये की फंडिंग मिल रही है और यहां 200 वैज्ञानिक दिन-रात काम कर रहे हैं.
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