क्यों है क्रीमिया ब्रिज रूस के लिए इतना महत्वपूर्ण, जानें पूरी जानकारी
8 अक्टूबर को धमाके की वजह से क्रीमिया से जोड़ने वाले ब्रिज का एक हिस्सा पूरी तरह से तहस-नहस हो गया था. ‘कर्च स्ट्रेट ब्रिज’ का उद्घाटन रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने किया था. ये यूरोप के सबसे लंबे ब्रिज में शामिल है.
Crimean Bridge Blast: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध आये दिन खतरनाक रूप लेते जा रहे हैं. यूक्रेन ने इस बार रूस के सबसे महत्वपूर्ण शहरों में से एक क्रीमिया से जोड़ने वाले पुल पर हमला कर दिया. जिसके वजह से रूस की क्रीमिया से कनेक्टिविटी टूट चुकी हैं. गौरतलब है कि ब्रिज पर धमाका 8 अक्टूबर को हुआ था. जिस से ब्रिज का एक हिस्सा पूरी तरह से तहस-नहस हो गया था.
रूस ने यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया
8 अक्टूबर को धमाके की वजह से क्रीमिया से जोड़ने वाले ब्रिज का एक हिस्सा पूरी तरह से तहस-नहस हो गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसे मिसाइल हमला बताया गया है. जिस पर कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज करते हुए रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया ब्रिज पर हमला करने का जिम्मेदार ठहराया. रूस ने इसे आतंकी घटना भी करार देते हुए कहा कि यूक्रेन को इसके लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.
ब्रिज को कर्च स्ट्रेट पर बनाया गया था
रूस को क्रीमिया से जोड़ने वाले ब्रिज को कर्च स्ट्रेट पर बनाया गया था. इस ब्रिज की लंबाई कुल 19 किमी. है. ‘कर्च स्ट्रेट ब्रिज’ का उद्घाटन रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने क्रीमिया पर कब्जे के 4 साल बाद 2018 में किया था. यह ब्रिज यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के बीच रशियन आर्मी के लिए ये बेहद जरूरी था. ये यूरोप का सबसे लंबा ब्रिज में शामिल है. यह काला सागर और आजोव सागर को जोड़ता है.
रूस ने किया था क्रीमिया पर कब्जा
रूसी लोगों के बहुमत वाले इस शहर को सोवियत संघ के अलग होने के बाद रूस ने यूक्रेन को सौंपा था. लेकिन वापस से रूस के सेनाओं ने 27 फरवरी 2014 को क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था. कब्जे के बाद 16 मार्च 2014 को क्रीमिया में जनमत संग्रह कराया गया और 21 मार्च 2014 को रूस ने क्रीमिया पर औपचारिक रूप से अपने कब्जे में लिया.
यूक्रेन के क्रीमिया पेनिनसूला पर रुस का है कब्ज़ा
27 फरवरी 2014 में रूस ने क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया था. इससे पहले तक क्रीमिया यूक्रेन का हिस्सा हुआ करता था. रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा किया, जो WW-II के बाद पहली बार किसी यूरोपीय देश ने किसी अन्य देश के क्षेत्र पर अपना अधिकार स्थापित किया.
रूस को क्षेत्र में तटीय लाभ मिला है
काले सागर के विचित्र भूगोल से रूस को कई Geo-Political Advantages मिलता है. यह पूरे क्षेत्र के लिये एक बहुत महत्त्वपूर्ण हिस्सा है. काला सागर (Black Sea) मे रूस का दबदबा उसे यूक्रेन के खिलाफ सैन्य बढ़त देता है. काला सागर (Black Sea) माल और ऊर्जा के लिये एक महत्त्वपूर्ण जगह है जो एक जगह से दूसरे जगह तक के लिए जाने का एक गलियारा है. रूस-यूक्रेन युद्ध में क्रिमिया की स्ट्रैटेजिक लोकेशन बहुत महत्वपूर्ण है जो युद्ध में रूस के लिए एडवांटेज साबित हो रही है.
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